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    *40हजार का कोटेशन देने के बाद चार लाख की डिमांड चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी द्वारा*.. *फाइनेंस के मकड़जाल में फंसकर पिस रहा बलदाऊ शर्मा*

                       बिलासपुर –डिलीवरी वाहन टाटा मेगा एस. Cg. 04 jb1227 के दुर्घटना होने के बाद वाहन मालिक को चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी द्वारा 40 हजार रुपए का स्टीमेट देकर 4 लाख रुपए का थमाया गया बिल आपको बता दें कि बलदाऊ शर्मा कुम्हारी जिला दुर्ग का रहने वाला है जो ड्राइवरी का कार्य करता था उसके द्वारा चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी द्वारा टाटा मेगा एस डिलीवरी वाहन का फाइनेंस कराया गया था दंतेवाड़ा से रायपुर वापस होने के दौरान गाड़ी का स्टेरिंग जाम हो गया और वाहन विपरीत दिशा में जाकर पलट गया जिससे वाहन मालिक बलदाऊ शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गया उनके परिजनों के द्वारा चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी में गाड़ी की दुर्घटना होने की सूचना दी गई चोलामंडलम कंपनी द्वारा सर्वेयर को बुलाकर वाहन का सर्वे कराया गया इंश्योरेंस कंपनी द्वारा गाड़ी की मरम्मत हेतु 40 हजार रुपए का एस्टीमेट दिया गया लेकिन उक्त राशि वाहन मालिक के जानकारी के बिना फाइनेंस कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन वाहन मालिक को उससे ज्यादा रुपयों की जरूरत थी वाहन मालिक द्वारा उपभोक्ता फोरम दुर्ग छत्तीसगढ़ में याचिका दायर की गई के जवाब में लेंस कंपनी द्वारा मद्रास हाई कोर्ट आर्बिट्रेशन मैं मेरे एवं मेरे गारंटर के ऊपर केस दर्ज कर दिया गया ऐसे मेरे गारंटर को ₹7400 रुपए हर महीने सैलरी से काट लिए जाते हैं उक्त घटना के बाद वाहन मालिक वाहन कंपनी टाटा मोटर्स जब पहुंचा तो उसे वाहन का 90% पार्ट खोल कर बेच दिया गया था के द्वारा मैनेजर अविनाश सिंह से पूछा गया तो उसने बताया कि वर्कशॉप में अगर कोई वाहन रिपेयरिंग के लिए आता है तो वर्कशॉप मैं सामान नहीं रहने की स्थिति में दूसरे गाड़ी का सामान खोल कर उस गाड़ी में लगा दिया जाता है वाईफाई आपका गाड़ी का सामान खोलकर दूसरी गाड़ी में लगा दिया गया है वाहन मालिक द्वारा टाटा मोटर कंपनी के मैनेजर से कोटेशन मांगने पर उन्होंने ₹4 लाख का बिल थमा दिया वाहन मालिक द्वारा उक्त घटना को लेकर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई और उससे रिसीविंग लिया गया लेकिन घंटे बाद ही वाहन मालिक को वापस थाने बुलाया गया ओर कहां गया कि टाटा मोटर कंपनी द्वारा चोरी की रिपोर्ट लिखाई जाएगी इन सभी कार्यवाही से परेशान पीड़ित वाहन मालिक बलदाऊ शर्मा द्वारा उच्च अधिकारियों सहित राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट में शिकायत देने की बात की गई जिस पर थाना द्वारा ₹10 के स्टांप में हस्ताक्षर करा कर वाहन मालिक को चलता कर दिया जिससे संतुष्ट नहीं होने पर वाहन मालिक द्वारा आरटीआई के तहत पूरी जानकारी ली गई तत्पश्चात वाहन मालिक द्वारा रायपुर जिला न्यायालय में अपील की गई बहर हाल अभी तक बलदाऊ शर्मा वाहन की तलाश में दर-दर की ठोकरे खाने मजबूर है हर तरफ से निराशा हाथ लगने पर उसने मीडियाका सहारा लिया और यह भी कहा कि जब तक उसका वाहन नहीं मिल जाता तब तक वह इस लड़ाई को जारी रखेगा अब देखना यह है की उच्च अधिकारियों के पास शिकायत और न्यायालय में मामला पहुंचने के बाद क्या बलराम शर्मा को इंसाफ मिल पाएगा…….

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