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    *जूना बिलासपुर में सीवरेज के मेनहोल से निकल रही रेत की बोरियां* *अभी तक नागोराव शेष स्कूल के सामने एक ही मेनहोल से रेत से भरी 50 बोरियां निकाली जा चुकी हैं*।

    बिलासपुर। सीवरेज परियोजना का ये हाल है कि पाइप लाइन सफ़ाई करने उतरे श्रमिकों को रेत से भरी बोरियां मिल रही हैं। नगर निगम बिलासपुर के एल्डरमैन श्री अखिलेश बंटी गुप्ता के द्वारा यह जानकारी सोशल मीडिया के साथ साझा की गई है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर के जूना बिलासपुर स्थित नागोराओ शेष स्कूल और श्री गुप्ता के प्रतिष्ठान के सामने सीवरेज के मेनहोल की सफाई के लिए जब कर्मचारी उतरे तो उन्हें वहां रेत की बोरियां पड़ी मिली। एक मेन हॉल से ही अब तक रेत की 50 बोरियां निकाली जा चुकी है। जानकारी मिली है कि सीवरेज के काम में लगे मजदूरों ने रेत से भरी इन बोरियों को सीवरेज के पाइप लाइन में ही छोड़ दिया था। शहर के विभिन्न मेनहोल से रेत की इन बोरियों को निकालने का काम चल रहा है। श्री गुप्ता ने बताया कि एक एक मेल होल में कम से कम पांच से सात रेत से भरी बोरियां मिल रही है। यह मामला साफ बता रहा है कि सीवरेज परियोजना के काम में किस तरह से घोर लापरवाही की गई। इन्हीं लापरवाहियों की वजह से पूरे शहर को गड्ढा पुर बनाने वाली और 450 करोड़ रुपए बर्बाद करने वाली सीवरेज परियोजना का काम अब अपने खुद के कफन दफन का इंतजार कर रहा है।

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    बिलासपुर। सीवरेज परियोजना का ये हाल है कि पाइप लाइन सफ़ाई करने उतरे श्रमिकों को रेत से भरी बोरियां मिल रही हैं। नगर निगम बिलासपुर के एल्डरमैन श्री अखिलेश बंटी गुप्ता के द्वारा यह जानकारी सोशल मीडिया के साथ साझा की गई है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर के जूना बिलासपुर स्थित नागोराओ शेष स्कूल और श्री गुप्ता के प्रतिष्ठान के सामने सीवरेज के मेनहोल की सफाई के लिए जब कर्मचारी उतरे तो उन्हें वहां रेत की बोरियां पड़ी मिली। एक मेन हॉल से ही अब तक रेत की 50 बोरियां निकाली जा चुकी है। जानकारी मिली है कि सीवरेज के काम में लगे मजदूरों ने रेत से भरी इन बोरियों को सीवरेज के पाइप लाइन में ही छोड़ दिया था। शहर के विभिन्न मेनहोल से रेत की इन बोरियों को निकालने का काम चल रहा है। श्री गुप्ता ने बताया कि एक एक मेल होल में कम से कम पांच से सात रेत से भरी बोरियां मिल रही है। यह मामला साफ बता रहा है कि सीवरेज परियोजना के काम में किस तरह से घोर लापरवाही की गई। इन्हीं लापरवाहियों की वजह से पूरे शहर को गड्ढा पुर बनाने वाली और 450 करोड़ रुपए बर्बाद करने वाली सीवरेज परियोजना का काम अब अपने खुद के कफन दफन का इंतजार कर रहा है।