15 सितंबर को अपूर्व होटल टिकमगड़ के सभागार में मध्य प्रदेश लेखक संघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय काव्य संग्रह प्रतियोगिता में भिलाई छत्तीसगढ़ के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार कवि गोविंद पाल की काव्य संग्रह *महज़ ये वायरस नहीं* प्रतियोगिता में आये सैकड़ों पुस्तकों में प्रथम पुरस्कार अर्जित करने के उपलक्ष्य पर गोविंद पाल को *स्व. पन्ना लाल स्मृति सम्मान* से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप पाल को श्रीफल भेंटकर, शाल ओढ़ाकर , सम्मान पत्र, मोमेंटो एवं सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गोविंद पाल के सम्मान में अर्थात उनके मुख्य आतिथ्य में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन किया गया। जिसमें भारत के विभिन्न प्रांतों से आये हुए कवियों ने कविता पाठ किए। कवि सम्मेलन अन्य कवियों के कविता पाठ के पश्चात उपस्थित रचनाकारों बुद्धजीवियों व श्रोताओं के समक्ष गोविंद पाल ने अपनी एक अलग अंदाज में हास्य व्यंग्य की कविताएं व पैरोडी गीत सुनाकर शमा बांधते हुए लोगों को हंसने और तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। गोविंद पाल अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों विगत 32 सालों से भारत के एवं भारत के बाहर विदेशों में भी काव्य पाठ करते आ रहे हैं । ज्ञात हो कि गोविंद पाल की अब तक एक दर्जन से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है । गोविंद पाल डायमंड पाॅकेट बुक्स – नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ राज्य के बाल साहित्य के संपादक भी है। इसके पहले भी पाल की कई पुस्तकें राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो चुकी हैं। जिसमें *बोनसाई* काव्य संग्रह भी *2013* में अखिल भारतीय काव्य संग्रह प्रतियोगिता में भी प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था जिसमें गोविंद पाल को *शब्द प्रवाह साहित्य समिति* की ओर से उज्जैन मध्य प्रदेश में सम्मानित करते हुए *शब्द रत्न मानद उपाधि* नवाजा गया था। गोविंद पाल वर्तमान में भिलाई छत्तीसगढ़ के सबसे सक्रिय पंजीकृत साहित्यिक संस्था *मुक्तकंठ साहित्य समिति के संस्थापक व अध्यक्ष है।* पाल जी के इस उपलब्धि पर मुक्तकंठ साहित्य समिति के सभी सदस्यों एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश के बहुत से रचनाकारों ने खुशियां व्यक्त करते हुए वधाईयां दी।
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