बिलासपुर। आम आदमी पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि रेलवे का निजीकरण करने के मकसद से यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। पार्टी की पूर्व विधानसभा प्रत्याशी डॉ. उज्वला कराड़े ने इस मुद्दे पर बयान जारी कर केंद्र सरकार को घेरा है।
रेलवे द्वारा 72 ट्रेनों को रद्द करने को लेकर आम आदमी पार्टी ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लिया है आम आदमी पार्टी की पूर्व विधानसभा प्रत्याशी
डॉ. उज्वला का कहना है कि भारतीय रेल आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का साधन था, लेकिन अब इसकी विश्वसनीयता को खत्म कर इसे निजी हाथों में देने की योजना बनाई जा रही है। उनके अनुसार, मेंटेनेंस का बहाना बनाकर बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द किया जा रहा है। बिलासपुर जोन, जो पूरे देश में सबसे अधिक माल वाहन ट्रेनों के जरिए माल ढुलाई से कमाई करता है, लगभग 20 से 22 हजार करोड़ रुपये का योगदान देता है। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने यात्री ट्रेनों को महीनों और हफ्तों तक बंद रखने का आदेश दिया है।
डॉ. उज्ज्वला ने कहा कि यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले की आपूर्ति के नाम पर, कभी अन्य कारण बताकर। यह भारतीय रेल की विश्वसनीय यात्री सेवा को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाएं और इसे प्रधानमंत्री मोदी अपने उद्योगपति मित्रों के हवाले कर सकें।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार ने रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है ताकि रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके। ट्रेनें अचानक रद्द होने के कारण जिन लोगों ने महीनों पहले रिजर्वेशन करा रखा था, उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
मेंटेनेंस के नाम पर यात्री ट्रेनों को रद्द करने की प्रक्रिया गलत
मेंटेनेंस के नाम पर यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है। डॉ.उज्वला के अनुसार, यह कदम रेलवे की विश्वसनीयता को समाप्त करने और इसे निजीकरण की ओर धकेलने की योजना का हिस्सा है।
आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि यात्री ट्रेनों को रद्द करने की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए और रेलवे की विश्वसनीयता को पुनः स्थापित किया जाए। पार्टी ने कहा है कि यह मुद्दा जनता के हित से जुड़ा हुआ है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।