बिलासपुर। लंबे समय से चले आ रहे वलराज पेट्रोल पंप विवाद ने गुरुवार को फिर एक बार सुर्खियां बटोर लीं। इस विवाद के दोनों पक्षों के बीच गुरुवार की दोपहर तकरीबन 12:30 बजे जमकर कहा सुनी और मारपीट हुई। दोनों पक्ष इस मारपीट की घटना की शिकायत लेकर सिविल लाइन थाना पहुंचे थे। पुलिस ने एक पक्ष यानी राम खेड़िया की तरफ से मारपीट की एफआईआर दर्ज कर ली। लेकिन दूसरे पक्ष यानी मोहम्मद तारीख की तरफ से पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है।
मोहम्मद तारिक ने बताया कि संबंधित जमीन पर उसके परिवार द्वारा सन 1967 से पेट्रोल पंप संचालित किया जा रहा था। उसके पिता ने अशोक राव से ये ज़मीन लीज़ पर ली थी तब से ही वे लोग यहाँ पेट्रोल पम्प संचालित कर रहे थे। यह संचालन 2019 तक चला। उसने बताया कि साल 2011 में उक्त पेट्रोल पंप की जमीन की लीज़ समाप्त गई थी। उस मामले में हाईकोर्ट से स्टे लेकर बाह पेट्रोल पंप का संचालन कर रहा था। ज़मीन मालिक ने साल 2016 में पेट्रोल पंप की जमीन देवीदास वाधवानी, राम खेड़िया, शिरीन वाधवानी, बलवंत कुमार जगबानी एवं मनीष खुशलानी इन सभी लोगों की एक कंपनी केडी रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी।
मोहम्मद तारीक ने बताया कि दिनांक 07/09/2019 को उसके पास केडी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर ईश्वर प्रसाद का एक पत्र आया जिसमें ऑफर दिया गया था कि पेट्रोल पंप की जमीन जिस पर ताहिर का कब्जा है अगर वह उस पर से अपना कब्ज़ा छोड़ देता है तो प्रस्तावित जमीन पर 400 वर्गफुट की दुकान बनाकर उसे आजीविका के लिए 24 महीने के अंदर दी जाएगी। यदि 24 महीने में दुकान बनाकर नहीं दी गई तो उसके एवज में दो करोड़ रूपए दिए जाएंगे। ताहिर ने कहा कि उसने ये ऑफर स्वीकार लिया। इस सम्बन्ध में दोनों पक्षों के बीच एक लिखित अनुबंध भी किया गया। लेकिन अनुबंध के की अवधि समाप्त हो जाने बाद तक जब ताहिर को दूकान या रकम नहीं मिली तो उसने पक्षकारों से इस सम्बन्ध में बात की।
मोहम्मद ताहिर ने ठाणे में लिखित आवेदन देकर शिकायत की है कि लिखित अनुबंध में तय हुई शर्तों के अनुसार जब उसने अपना हक़ मांगा तो देवीदास वाधवानी, राम खेड़िया, शिरीन वाधवानी, बलवंत कुमार जगबानी एवं मनीष खुशलानी इन सभी ने सिकिल लाईन पुलिस के साथ मिलकर 384 के झूठे केस में फंसकर उसे जेल भिजवा दिया। ताहिर का कहना है कि उसने जिला एवं सत्र न्यायालय में कार्रवाई को चुनौती देते हुए समस्त दस्तावेज प्रस्तुत किए जिस पर न्यायालय ने स्वीकार किया कि मामला सिविल नेचर का जमीन संबंधी आपसी लेनदेन का है। ताहिर वर्त्तमान में जमानत पर बाहर है।
ताहिर ने बताया कि अभी ये मामला सीजेएम कोर्ट बिलासपुर में विचाराधीन है। ताहिर की शिकायत है कि कोर्ट में मामला विधारधीन होने के बावजूद बिना नोटिस दिए राम खेड़िया वहां बाउंड्रीवॉल बनवा रहा है। ताहिर ने कहा कि चूंकि वह इस मामले में एक पक्ष है इसलिए बाउंड्रीवॉल बनता देख वह इस काम को रुकवाने वहां पंहुचा था। इसी बात पर दोनों पक्षों के बीच वाद विवाद और मारपीट हुई। जिसकी एफआईआर लिखवाने वह ठाणे गया था लेकिन पुलिस ने उसकी एफआईआर नहीं लिखी केवल एक ही पक्ष की एफआईआर लिखी गई है।
ताहिर का आरोप है कि राम खेड़िया और उसके अन्य साथियों का नाम चर्चित भोंदूदास मामले में भी शामिल है। उसने कहा कि पेट्रोल पंप की कुल जमीन 22500 वर्ग फुट की है जिसे इन लोगों ने छह अलग-अलग टुकड़ों में बिना कलेक्टर की परमिशन के अवैध प्लाटिंग के ज़रिए रजिस्ट्री करवा ली है। जिसकी शिकायत उसने एसडीम कार्यालय बिलासपुर में की है। वर्त्तमान में नगर निगम को अवैध प्लॉटिंग के मामलों में संज्ञान लेता देख ये लोग प्लॉटिंग को छुपाने लिए वहां बॉउंड्रीवॉल बनवा रहे हैं।
राम खेड़िया की एफआईआर
सिविल लाईन थाने में मोहम्मद तारिख के खिलाफ दर्ज एफआईआर में राम खेड़िया ने कहा है कि वह जमीन खरीदी बिक्री का काम करता है। दिनाँक 16/05/2024 के दोपहर करीब 12/30 बजे सत्यम टाकिज के बगल में बंद पड़े अपने वलराज पेट्रोल पंप वाली ज़मीन पर मजदूर लगाकर बाउंड्री वाल करवा रहा था। तब मोहम्मद तारिक व उसकी पत्नी शहनाज बेगम दोनो आकर उसके साथ गली गलौच करने लगे। इस बात पर कहासुनी हुई और तारिख ने उसे हाथ, मुक्का, लात, घुसे से मारपीट बहुत पीटा। जिससे उसे चेहरे, मुंह, सीने, और सिर में चोट आई है।