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    *ज्ञान की आराधना करेंगे तभी लक्ष्य प्राप्त होंगे- कुलपति प्रो. चक्रवाल*

    बिलासपुर। Cgatoznews…गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि ज्ञान की आराधना करने से लक्ष्यों को सुगमता से प्राप्त किया जा सकता है। यह वक्तव्य उन्होंने अर्थशास्त्र विभाग एवं सेंटर फॉर बजट एवं गर्वनेंस अकाउंटेबिलिटी (सीबीजीए) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में पब्लिक फाइनेंस डाटा फॉर पॉलिसी रिसर्च विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर कही।

     राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही प्रतिकूल वैश्विक माहौल के बीच अच्छा प्रदर्शन कर रही है। दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाएं विकाशशील हैं, आधारभूत संरचना विकास, स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्ट, कृषि और औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में भारत निरंतर प्रगति कर रहा है।

     कुलपति प्रो. चक्रवाल ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय को समीचीन बताते हुए कहा कि शोध के लिए डाटा की आवश्यकता होती है साथ ही इसके अध्ययन से आवश्यकता के अनुरूप योजनाओं के क्रियान्वयन पर कार्य किया जा सकता है। संगोष्ठी के अंत में प्राप्त होने वाले परिणामों को प्रतिवेदन के रूप में वित्त मंत्रालय को प्रेषित किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्र निर्माण एवं विकास के कार्यों में प्रतिवेदन के माध्यम से पहुंचने वाले सुझावों को शामिल किया जा सके। 

     बीज वक्तव्य डॉ. नीलाचल आचार्य, रिसर्च लीड, सेंटर फॉर बजट एवं गर्वनेंस अकाउंटेबिलिटी (सीबीजीए) नई दिल्ली ने कहा कि हम अप्रैल 2023 से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। पब्लिक डाटा का संग्रहण एक बड़ी चुनौती है। सरकार की विभिन्न योजनाओं के जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्माण एवं सफल क्रियान्वयन के लिए इन आंकड़ों की अहमियत सर्वाधिक है। माननीय कुलपति प्रो. चक्रवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. आचार्य ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए प्रो. चक्रवाल ने कई अहम प्रयास किये हैं।

     उद्घाटन अवसर पर विशिष्ट अतिथि सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. नीलांबरी दवे, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. प्रवीण कुमार मिश्रा ने भी अपने विचार रखे। संगोष्ठी की संयोजक प्रो. मनीषा दुबे ने स्वागत भाषण दिया तथा आयोजन सचिव प्रो. चितरंजन नायक ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

     इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर मां सरस्वती एवं संत गुरु घासीदास बाबा के चित्र पर माल्यार्पण किया। साथ ही नन्हें पौधे से अतिथियों का स्वागत किया गया। मंचस्थ अतिथियों का शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजकुमार नागवंशी ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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