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    *हिन्दू ही नहीं..समूचे समाज के लिए खास है अक्षय तृतिया…सभापति ने बताया…परशुराम ही नहीं..मां गंगा ने भी भारत से किया प्यार*

    बिलासपुर -:- cgatoznews….जिला पंचायत सभापति अंकित ने अक्षय तृतिया की शुभकानाएं देते हुए कहा कि ना केवल हमारे बल्कि संपूर्ण मानव जीवन में अक्षय तृतिया का खास महत्व है। आज का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि आज के ही दिन सतयुग काल खत्म हुआ और त्रेता युग का आरम्भ हुआ है।आज के ही दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ है। रेणुका नन्दन जमदग्नि कुल शिरोमणी भगवान परशुराम को हरि अवतार कहा गया है। जाहिर सी बात है कि हरि का जन्म न्याय के लिए ही होता है। इस दिन हम मानव धर्म पालन का संकल्प लेते हैं सााथ ही विश्व बन्धुत्व कल्याण की कामना भी करते हैं।

    जिला पंयात अंकित गौरहा ने कहा कि हिन्दु धर्म हमेशा से विश्व बन्धुत्व कामना करता है। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भावना के साथ ही इस धरती पर भगवान विष्णु ने भगवान परशुराम के रूप में अवतार लिया है। जब-जब भी पृथ्वी पर अमानवीय व्यवहार का बोलबाला होता है। तब-तब इस पृथ्वी पर महान आत्माओं का अवतरण मानव रूप में होता है। भगवान परशुराम इसमें से एक हैं। उन्होने पृथ्वी पर शांति स्थापित करने के लिए अवतार लिया काम खत्म होने के बाद भगवान परशुराम जंगलरोहण में चले गए कहते हैं भगवान परशुराम आज भी पृथ्वी पर विचरण कर रहे हैं।
    हमारी कामना है कि हम भाईचारे के साथ भगवान परशुराम के आदर्शों पर चलकर विश्व बन्धुत्व की भावनाओं को जन जन तक पहुंचाए। अंकित ने कहा कि आज हम परमाणु बम पर बैठे हैं। परमाणु बम का मतलब बारूद ही नहीं। बल्कि कलुषित विचारधाराओं से भी है। समय आ गया है कि हम अपने आदर्शों को याद कर उनके बताए मार्ग पर चलें और आज अक्षय तृतिया के पुण्य दिन पर भगवान परशुराम के आदर्शों को जन जन तक पहुंचाएं।

    अंकित ने बताया कि हिन्दु धर्म को सनातन धर्म भी कहा जाता है। अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि हर धर्म में अहम स्थान है। ऐसा दिन जिसे हमेशा से बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन जो भी काम होता है उसे बहुत ही पवित्रता के साथ देखा जाता है। आज के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ। आज के दिन ही त्रेता युग का आरम्भ हुआ।

    आज ही भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा से मिले। आज के ही दिन भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामी की झोंपड़ी को महल में बदल दिया। अंकित ने बताया कि अक्षय से मतलब जिसका कभी अन्त या क्षरण ना हो। हमें भी आज के ही दिन मानव धर्म को सर्वश्रेष्ठ धर्म बनाने का संकल्प लेना होगा। आज के दिन दिन भगवान ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र भेंट किया था और सबसे बड़ी बात कि आज के दिन महर्षि व्यास ने महाभारत का सृजन कर समाज को दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथ दिया। कहा जाता है कि आज के दिन हम जो भी करेंगे..उसका असर हमारे जीवन पर हमेशा रहेगा। इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम ऐसा काम करें..जिस पर समाज हम पर गर्व करे।

    आज ही कृष्‍ण ने बेपर्दा करने वालों को सबक सिखाया। द्रौपदी की लाज को ना केवल बचाया। बल्कि द्रोपदी की साड़ी को अक्षय चीर बना दिया। गर्व की बात है कि आज के ही दीन मां गंगा इस पावन भूमि आयी। और तब से लेकर आज तक शांति और एकता और भाईचारा का संदेश दे रही है।

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