बिलासपुर.. Cgatoznews..हमारे नगर की प्रतिभा संपन्न सत्रह वर्षीय बालिका मानसी खाण्डेकर द्वारा लिखित अंग्रेज़ी उपन्यास *”शुड हैव नेव्हर”*न्यू मैन स्प्रिंग्स पब्लिशिंग,न्यू जर्सी, यू एस ए द्वारा प्रकाशित कृति का विमोचन प्रख्यात समीक्षक एवं भाषाविद् डॉ. विनय कुमार पाठक,पूर्व अध्यक्ष,छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के कर कमलों द्वारा सिल्वर ओक होटल के भव्य सभागार में सोत्साह संपन्न हुआ।
प्रमुख अतिथि की आसंदी से उद्बोधित उद्गार के उपक्रम में डॉ पाठक ने कहा कि रहस्य, रोमांच, तिलिस्म एवं ऐय्यारी कथा साहित्य की ऐसी परम्परागत प्रचलित प्राचीन शैली है जो विस्मय और अलौकिकता के आश्रय से आख्यान को उत्सुकता से आपूरित करके आनन्द से आप्लावित कर देती है । कुमारी मानसी खांडेकर ने अंग्रेज़ी उपन्यास *शुड हैव नेव्हर* में इसी भाव भूमि को आधार बनाकर बाल-मन की उन्मुक्त उड़ान के द्वारा उत्कृष्ट उदात्त उपन्यास को उपस्थित कर के सिद्ध कर दिया है कि प्रतिभा अतिरिक्त ज्ञान और अनुभव की मोहताज नहीं होती ।
कब्रिस्तान में तीन सहेलियों के बीच घटित घटना पर आधारित यह कहानी है, लाल रंग के दो गोपनीय पार्सल की रहस्य क्या है? जानने के लिए पुस्तक को पढ़ना होगा
मानसी की ८५वर्षीय दादी सुश्री सविता मोघे ने बताया विश्व महामारी के समय पूणे में अपने पंकज चाचा के साथ बैठकर मानसी ने यह उपन्यास लिखा है । दादी ने इस अवसर पर रु इक्कीस हजार का आशीषी धनादेश भी भेंट किया । साथ ही चाचा नीलेश खाण्डेकर,माँ दीपिका खाण्डेकर,
पिता हर्षित खाण्डेकर, नानी-नीलिमा महादेवकर ने अपने आशीर्वाद की वर्षा नन्ही लेखिका मानसी पर किये ।
इस अवसर पर नन्ही उपन्यास लेखिका मानसी खाण्डेकर ने उपने उद्गार में बताया कि उन्हे आठवीं कक्षा से ही कहानियाँ लिखने की स्वस्फूर्त प्रेरणा मिली तथा पंकज खाण्डेकर चाचा के प्रेरणा से न्यू जर्सी को दो सहेलियों प्रीति सिंह व मेरिडिट के छाया प्रभाव में इस उपन्यास को कोविड वैश्विक महामारी के समय लिखना शुरु की थी। उन्होने बताया कि आने वाले दिनों में अनेक उपन्यास पाठक वर्ग के समक्ष आयेंगे। उनकी
इस अवसर पर डा अरुण कुमार यदु, वरिष्ठ साहित्यकार-समीक्षक, राजेंद्र कुमार पाण्डेय, डॉ.बजरंग बली शर्मा, वरि. साहित्यकार,
अंंजनीकुमार तिवारी,वरि साहित्यकार-समीक्षक, मोहन होनप, कमल वर्मा, वसंत कोन्हेर,मनीष गुप्ता,डा गौरी देखकर, डा अभिनेश जैन,डीपीएस के सम्मानित शिक्षक गण रविंद्र भटनागर,श्रीमती लक्ष्मी पाण्डेय-मानसी की शिक्षिका,
आलोक दुबे चंदा बंसल,गौतम सिंह, मोहन देव पुजारी,कमोद जैन की गरिमामय उपस्थिति रही। धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती प्रियंका सिंह द्वारा किया गया।