बिलासपुर। पत्रकार नीरज शुक्ला पर 15 नवंबर की रात लगभग 12:30 बजे 4 अज्ञात बदमाशों ने जान से मारने की नीयत से घात लगाकर हमला किया। बड़ी मुश्किल से पत्रकार नीरज अपनी जान बचाकर भागे। हमलावर हाथ में चाकू लिए हुए थे। CCTV फुटेज से साफ़ जाहिर है कि हमलावर पत्रकार नीरज शुक्ला को जान से मारने की ही नीयत से आए थे।
पत्रकार पर हुए इस जानलेवा हमले का विरोध करने और निष्पक्ष त्वरित जाँच करने की मांग लेकर शहर के पत्रकार आज आईजी कार्यालय में एकत्रित हुए और उन्हें लिखित आवेदन दिया। आईजी रतन लाल डांगी ने पत्रकारों की पूरी बात सुनी और आश्वासन दिया कि वे विशेष ध्यान देकर इस मामले कि निष्पक्ष जाँच करवाएंगे।
पत्रकारों ने एसपी पारुल माथुर के द्वारा व्हात्सप्प पर दिए गए असंवेदन रिप्लाय का भी ज़िक्र किया और कहा कि प्रतिक्रिया देखकर जाँच के अंजाम पर संदेह पैदा हो रहा है।
पीड़ित पत्रकार नीरज शुक्ला ने बताया कि उन्हें तीन लोगों पर संदेह है। शुक्ला ने कहा इन तीनों में से कोई भी उनपर हुए जानलेवा हमले का सोत्रधार हो सकता है।
पहला संदेही
सबसे पहला संदेही है आरक्षक हेमन्त सिंह। आरक्षक हेमंत सिंह वर्तमान में बिलासपुर ACCU में पदस्थ है। शहर के विवादित आरक्षकों में इसकी गिनती होती है। विवादों के चलते ये आरक्षक पूर्व में बर्खास्त भी हो चुका है। कहते हैं कि आला अधिकारियों से ताल्लुकात के बल पर इसने पुनः अपनी बहाली करवा ली और क्राईम ब्रांच से बर्खास्त होने के बावजूद इन्ही संबंधों के बल पर नवगठित ACCU में पदस्थापना ले ली।
दूसरा संदेही
दूसरा संदेही है बबला सिंह। सूत्र बताते हैं कि बबला सिंह मस्तूरी क्षेत्र का रहने वाला है और जुआं खिलवाने का अवैध कारोबार करता है। अभी हाल ही में पत्रकार नीरज शुक्ला ने मस्तूरी में संचालित एक जुएं की ख़बर प्रकाशित की थी। ख़बर में सूत्र के हवाले से इस बात का भी उल्लेख था कि मस्तूरी के इस जुएं को एक चर्चित आरक्षक का संरक्षण प्राप्त है।
तीसरा संदेही
तीसरा संदेही है संतोष रजक। संतोष रजक सरकंडा क्षेत्र में कबाड़ का व्यवसाय संचालित करता है। पत्रकार नीरज शुक्ला अवैध कबाड़ की ख़बर प्रकाशित करते रहते हैं। पूर्व में भी कबाड़ व्यवसाई संतोष रजक पत्रकार नीरज शुक्ला के साथ मारपीट कर चुका है जिसकी ऍफ़आईआर भी सरकंडा थाने में नीरज शुक्ला ने दर्ज कराई थी।
एसपी पारुल माथुर ने पीड़ित को दिया असंवेदनशील जवाब
जानलेवा हमले से बाल बाल बचे पत्रकार नीरज शुक्ला ने मदद और उचित कार्रवाई की उम्मीद से ज़िले की एसपी पारुल माथुर से व्हाट्सएप पर आग्रह किया। मदद करने और ढांढस बंधाने के बजाए एसपी पारुल माथुर ने पीड़ित का मनोबल तोड़ने वाला गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया। एसपी पारुल माथुर ने कहा कि “बिना पूरी जानकारी के फेसबुक पोस्ट क्यूं डलवा रहे