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    *कोरोना काल के समय भी बच्चों से निरन्तर जुड़कर अंग्रेजी शिक्षा के लिए किये बेहतरीन काम शिक्षिका स्वाति होंगी राजयपाल पुरुस्कार से सम्मानित*

                          मुंगेली:- cgatoznews एक ऐसे स्कूल का बनना जहां पढ़ाई में जीवन से जुड़े प्रसंग हैं।वे प्रसंग जो जीने के लिए मजबूत आधार देते हैं,प्यार,सम्मान,सहयोग का आधार।जहां चुनौतियाँ विश्वास की नींव और पुख्ता करती है।शिक्षक,समुदाय और विद्यार्थियों के बीच का विश्वास जिसमे नन्हे पौधों को यहां फलते फूलते देख बड़े सपनो का संसार संजोते हैं।जीवन मे कुछ कर गुजरने एवम विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के बाद मंजिल की ओर कदम बढ़ाते हुए एक ऐसे शिक्षक की कहानी ,जिनका एक मात्र उद्देश्य नौनिहालों का वर्तमान और                          सुखद भविष्य सँवारने का हो,जो मानते हैं कि लक्ष्य की ओर चल पड़ना ही लक्ष्य पाने की शुरूआत होती है। ऐसे ही एक शिक्षिका स्वाति पांडेय हैं ,जो वर्तमान मे मुंगेली जिले के शासकीय अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय करही मे पदस्थ हैं।एक नवाचारी शिक्षिका एवम हरपल कुछ नया करने की इच्छा और सृजनात्मक तथा रचनात्मकता उन्हें अन्य शिक्षकों से अलहदा बनाती है। उन्होंने विद्यालय में नवाचारी शिक्षा के साथ साथ बच्चों की सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव प्रयास करती हैं। स्वाति पांडेय का मानना है कि बच्चे स्कूल मे केवल विषयगत ज्ञान सीखने नही आते अपितु जीवन को सहज और सरल बनाने के तरीके भी सीखने के लिए आते हैं। इसलिए वो बच्चों के साथ चित्र,नाटक,नृत्य,कविता आदि विधाओं पर कार्य करने के साथ साथ अंग्रेजी भाषा शिक्षण का कार्य करती हैं।सरकारी स्कूल के असरकारी शिक्षिका स्वाति पांडेय ने कोरोना कालखण्ड मे भी अपने विद्यार्थियों के सीखने सिखाने को लेकर विविध नवाचारी शैक्षिक मॉडलों से सतत प्रयास करते रहे और सुरक्षित तथा उपलब्ध संसाधनों के साथ बच्चों और उनके समुदाय तक पहुंचकर शिक्षा की बयार को जन जन तक पहुंचाती रही हैं। कोरोना कालखण्ड हम सबके जीवन का एक भयावह हिस्सा रहा है।ऐसे मे नौनिहालों को शिक्षा देने की चुनौती रहा है। ऐसे संकट और विपदा के समय में भी शिक्षिका स्वाति पांडेय ने बच्चों की पठन पाठन मे निरन्तरता के लिए विभिन्न तकनीकी शैक्षणिक गतिविधियों की मदद लेकर बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़े रखा।उन्होंने बच्चों मे पढ़ने लिखने का कौशल विकसित करने के लिए विविध प्रकार के मनोरंजक और तकनीकी गतिविधियों का प्रयोग किया। स्वाति पांडेय क़िताबों,कहानियों और नई नई शिक्षण तकनीकी विधाओं के माध्यम से बच्चों को शिक्षण कार्य करती हैं। उन्होने अपनी शिक्षण विधा में कम्प्यूटर तकनीक और टीएलएम का उपयोग करती हैं जिससे बच्चों सीखने सिखाने की प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।गांव की दीवारों में आकर्षक प्रिंटरिच बनाकर बच्चों की पठन पाठन के लिए अनुकूल माहौल का निर्माण करने शिक्षिका की विशिष्ट कार्यशैली है। पठन पाठन के साथ साथ बच्चों मे नैतिक मूल्यों का विकास कर उन्हें जिम्मेदार और सफल नागरिक बनाने की हरसंभव प्रयास कर रही है। स्वाति पांडेय के द्वारा शिक्षा एवम शिक्षा के विकास के लिए किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों एवम सद्प्रयासों के परिणामस्वरूप उन्हें विभिन्न संगठनों के द्वारा पुरस्कृत एवम सम्मानित किया जा चुका है। सम्मान और पुरस्कार के इसी अनुक्रम मे उन्हें प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र दिए जाने वाली महत्वपूर्ण राज्यपाल पुरस्कार के लिए भी चुना गया है।आगामी 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस समारोह मे उन्हें महामहिम राज्यपाल महोदया के द्वारा उत्कृट एवम नवाचारी शिक्षक के रूप मे पुरस्कृत एवम सम्मानित किया जाएगा,जो मुंगेली जिले के साथ साथ उस विद्यालय के लिए भी गौरव की बात है।

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