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    *संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति कार्यालय देश की बात फाउंडेशन  रोजगार आंदोलन’ को जंतर मंतर पर समर्थन देने पहुंचे कई नेता एवं किसान संगठन*डा दीप्ती धुरंधर*

    बिलासपुर.. Cgatoznews….रोजगार आंदोलन, जंतर मंतर पर आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने बॉर्डर पर ही रोका संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति द्वारा जंतर मंतर पर किया गया रोजगार आंदोलन का आयोजन डा दीप्ति धुरंधर ने बताया की छत्तीसगढ़ से सभी साथियों ने प्रतिनिधित्व किया।

    कल 11 बजे कंस्टीटूशन क्लब में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की प्रेस वार्ता होगी, जिसमें आंदोलन की आगे की रूप रेखा तैयार की जाएगी- गोपाल राय

    ‘रोजगार आंदोलन’ के छठे दिन जंतर मंतर पर आन्दोलन को समर्थन देने पहुँचे…

    श्री गोपाल राय, संस्थापक- देश की बात फाउंडेशन, कैबिनेट मंत्री, दिल्ली सरकार

    श्री संजय सिंह- राज्यसभा सांसद, आप

    श्री वी. एम. सिंह – कन्वेनर, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन
    श्री राजू सेठी- भारतीय शेतकरी कामगार पक्ष एवं पूर्व लोकसभा सांसद

    श्री गुरनाम सिंह चढूनी- प्रमुख भारतीय किसान यूनियन चढूनी

    श्री ऋषिपाल अंबावत- राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन अंबावत एवं अन्य आंदोलनकारी। जंतर मंतर पर आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने बॉर्डर पर ही रोका।

    दिल्ली के कैबिनेट मंत्री एवं देश की बात फाउंडेशन के संस्थापक गोपाल राय ने बताया कि केंद्र सरकार ने 16 अगस्त से ही रोजगार आंदोलन को किसी न किसी तरह दबाने की कोशिश कर रही है | पहले नंदनगरी से जंतर मंतर तक निकलने वाली तिरंगा यात्रा को रोका गया , फिर नंदनगरी में ही शांतिपूर्ण तरह से चल रहे क्रमिक अनशन को बंद कर 200 से ज़्यादा आंदोलनकारियों को पुलिस द्वारा जबरदस्ती गिरफ्तार कर नंदनगरी आंदोलन स्थल को सील कर दिया गया | इसके साथ साथ कई बार प्रधानमंत्री और अलग अलग केंद्रीय मंत्रियो को राष्ट्रीय रोजगार नीति का ड्राफ्ट सौपने जा रहे संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति से जुड़े विभिन्न संगठनो के कार्यकर्ताओ को जबरन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया | पिछले छह दिनों से केवल गिरफ्तारियां हो रही है ,और हमारे कार्यकर्ता हाथ में झंडा उठाए और सर पे रोजगार आंदोलन की टोपिया पहने गिरफ्तारियां दे रहा है | मैं अपने सभी नौजवान कार्यकर्ताओ को सलाम करता हूँ की इतनी मुश्किलों के बाद भी वह अपनी राह से अलग नहीं हुए | देशभर के अलग अलग राज्यों से आए हमारे सभी प्रतिनिधियों के हौसलों को मैं सलाम करता हूँ की पुलिस के कितना रोकने पर भी वह देश की तरक्की के लिए और देश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है |आज सुबह 10 बजे से केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है | इस अवसर पर हमारे सभी कार्यकर्ताओ का मनोबल बढ़ाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह , बीएसपी से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली , राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह, स्वाभिमानी पक्ष के अध्यक्ष और पूर्व लोकसभा सांसद राजू शेट्टी, भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी, भारतीय किसान यूनियन (अंबावत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अम्बावत आज यहाँ शामिल हुए है | इन सभी दिग्गज नेताओ की मौजूदगी से राष्ट्रीय रोजगार नीति को लेकर हमारी मांग को एक नई दिशा और ऊर्जा मिली है | इसके साथ ही आज जंतर मंतर पर रोजगार संसद का भी आयोजन किया जा रहा है , जहाँ मौजूदा सभी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता राष्ट्रीय रोजगार नीति से जुड़े अपने अपने विचार को सभी के समक्ष रख रहे है |

    उन्होंने आगे बताया कि देश को आज़ादी मिले 75 साल हो गए लेकिन अबतक किसी भी सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार नीति का मुद्दा ना तो उठाया है और ना ही इस नीति पर कोई चर्चा की है | 75 साल भी देश के लोगो के लिए आजीविका का रास्ता नहीं बन पाया है | महिलाएं भारत की 49 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन वे काबिल होने बावजूद बेरोज़गारी के चलते हर पर बैठने को मजबूर है | देश का किसान दिन रात मेहनत करता है , लेकिन किसी भी सरकार द्वारा एमएसपी कि गारंटी के आभाव के चलते वह अपने उत्पाद को बेचने के लिए दर दर भटकता है | आज बेरोजगारी का आलम यह है कि देश में मज़दूर न्यूनतम मजदूरी के लिए भटकता रहता है | आज यह लड़ाई कारोबार, रोजगार, एमएसपी की लड़ाई नहीं है यह देश को बचने की लड़ाई है | अगर देश के अंदर नीतियाँ नहीं बदली गई तो एक दिन रुपया 100 के पार हो जाएगा यानि एक डॉलर की कीमत 100 रूपए से ज़्यादा हो जाएगी | इसलिए आपको कहना चाहता हूँ की यह रोजगार आंदोलन समाज के उत्थान का आंदोलन है | हम सरकार के खिलाफ नहीं है बल्कि देश की बेहतरी में सहयोग कर सकें इसलिए राष्ट्रीय रोज़गार नीति के ज़रिये बेरोजगारी की समस्या पर केंद्र सरकार के साथ चर्चा करना चाहते है |

    श्री गोपाल राय ने बताया कि हम यहाँ शांतिपूर्वक सरकार के सामने अपनी मांग रख रहे है जोकि हमारे युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद ज़रूरी है | ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के शहरी क्षेत्र में बेरोज़गारी दर आज 9.1 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 6.9 फीसदी है । ऐसे में राष्ट्रीय रोजगार नीति आज के समय की मांग है और इसके लागू होने से बेरोजगारी की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। देशभर के लोग इस आंदोलन में भाग लें रहे है और बेरोज़गारी की समस्या के निदान के लिए समिति द्वारा जारी आंदोलन में सहयोग भी कर रहे है ताकि केंद्र में बैठी सरकार जो बेरोज़गारी के मुद्दे की तरफ आँख मूँद चुकी है उसे नींद से जगाया जा सकें | इसलिए राष्ट्रीय रोजगार नीति आधारित कानून बनाने को लेकर आंदोलन समिति की जो मांगे वह जायज है और सरकार को चाहिए कि वह उनकी बात को सुने और उसपे जल्द जल्द से कार्यवाही करे ताकि भारत को बेरोजगारी जैसी समस्या से निदान मिल सकें |

    *-22 अगस्त को कंस्टीटूशन क्लब में होगी संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की बैठक*

    श्री गोपाल राय ने बताया कि रोजगार आंदोलन के अगले चरण में कल यानी 22 अगस्त को 11 बजे से दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की बैठक होगी जिसमे आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी | आज जो बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलनकारियों ने जज़्बा दिखाया है , उसे हम किसी भी तरह से दबने नहीं देंगे और यह आंदोलन इसी तरह आगे भी जारी रहेगा

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Cgatoznews....रोजगार आंदोलन, जंतर मंतर पर आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने बॉर्डर पर ही रोका संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति द्वारा जंतर मंतर पर किया गया रोजगार आंदोलन का आयोजन डा दीप्ति धुरंधर ने बताया की छत्तीसगढ़ से सभी साथियों ने प्रतिनिधित्व किया। कल 11 बजे कंस्टीटूशन क्लब में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की प्रेस वार्ता होगी, जिसमें आंदोलन की आगे की रूप रेखा तैयार की जाएगी- गोपाल राय 'रोजगार आंदोलन' के छठे दिन जंतर मंतर पर आन्दोलन को समर्थन देने पहुँचे... श्री गोपाल राय, संस्थापक- देश की बात फाउंडेशन, कैबिनेट मंत्री, दिल्ली सरकार श्री संजय सिंह- राज्यसभा सांसद, आप श्री वी. एम. सिंह - कन्वेनर, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन श्री राजू सेठी- भारतीय शेतकरी कामगार पक्ष एवं पूर्व लोकसभा सांसद श्री गुरनाम सिंह चढूनी- प्रमुख भारतीय किसान यूनियन चढूनी श्री ऋषिपाल अंबावत- राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन अंबावत एवं अन्य आंदोलनकारी। जंतर मंतर पर आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने बॉर्डर पर ही रोका। दिल्ली के कैबिनेट मंत्री एवं देश की बात फाउंडेशन के संस्थापक गोपाल राय ने बताया कि केंद्र सरकार ने 16 अगस्त से ही रोजगार आंदोलन को किसी न किसी तरह दबाने की कोशिश कर रही है | पहले नंदनगरी से जंतर मंतर तक निकलने वाली तिरंगा यात्रा को रोका गया , फिर नंदनगरी में ही शांतिपूर्ण तरह से चल रहे क्रमिक अनशन को बंद कर 200 से ज़्यादा आंदोलनकारियों को पुलिस द्वारा जबरदस्ती गिरफ्तार कर नंदनगरी आंदोलन स्थल को सील कर दिया गया | इसके साथ साथ कई बार प्रधानमंत्री और अलग अलग केंद्रीय मंत्रियो को राष्ट्रीय रोजगार नीति का ड्राफ्ट सौपने जा रहे संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति से जुड़े विभिन्न संगठनो के कार्यकर्ताओ को जबरन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया | पिछले छह दिनों से केवल गिरफ्तारियां हो रही है ,और हमारे कार्यकर्ता हाथ में झंडा उठाए और सर पे रोजगार आंदोलन की टोपिया पहने गिरफ्तारियां दे रहा है | मैं अपने सभी नौजवान कार्यकर्ताओ को सलाम करता हूँ की इतनी मुश्किलों के बाद भी वह अपनी राह से अलग नहीं हुए | देशभर के अलग अलग राज्यों से आए हमारे सभी प्रतिनिधियों के हौसलों को मैं सलाम करता हूँ की पुलिस के कितना रोकने पर भी वह देश की तरक्की के लिए और देश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है |आज सुबह 10 बजे से केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है | इस अवसर पर हमारे सभी कार्यकर्ताओ का मनोबल बढ़ाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह , बीएसपी से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली , राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह, स्वाभिमानी पक्ष के अध्यक्ष और पूर्व लोकसभा सांसद राजू शेट्टी, भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी, भारतीय किसान यूनियन (अंबावत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अम्बावत आज यहाँ शामिल हुए है | इन सभी दिग्गज नेताओ की मौजूदगी से राष्ट्रीय रोजगार नीति को लेकर हमारी मांग को एक नई दिशा और ऊर्जा मिली है | इसके साथ ही आज जंतर मंतर पर रोजगार संसद का भी आयोजन किया जा रहा है , जहाँ मौजूदा सभी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता राष्ट्रीय रोजगार नीति से जुड़े अपने अपने विचार को सभी के समक्ष रख रहे है | उन्होंने आगे बताया कि देश को आज़ादी मिले 75 साल हो गए लेकिन अबतक किसी भी सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार नीति का मुद्दा ना तो उठाया है और ना ही इस नीति पर कोई चर्चा की है | 75 साल भी देश के लोगो के लिए आजीविका का रास्ता नहीं बन पाया है | महिलाएं भारत की 49 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन वे काबिल होने बावजूद बेरोज़गारी के चलते हर पर बैठने को मजबूर है | देश का किसान दिन रात मेहनत करता है , लेकिन किसी भी सरकार द्वारा एमएसपी कि गारंटी के आभाव के चलते वह अपने उत्पाद को बेचने के लिए दर दर भटकता है | आज बेरोजगारी का आलम यह है कि देश में मज़दूर न्यूनतम मजदूरी के लिए भटकता रहता है | आज यह लड़ाई कारोबार, रोजगार, एमएसपी की लड़ाई नहीं है यह देश को बचने की लड़ाई है | अगर देश के अंदर नीतियाँ नहीं बदली गई तो एक दिन रुपया 100 के पार हो जाएगा यानि एक डॉलर की कीमत 100 रूपए से ज़्यादा हो जाएगी | इसलिए आपको कहना चाहता हूँ की यह रोजगार आंदोलन समाज के उत्थान का आंदोलन है | हम सरकार के खिलाफ नहीं है बल्कि देश की बेहतरी में सहयोग कर सकें इसलिए राष्ट्रीय रोज़गार नीति के ज़रिये बेरोजगारी की समस्या पर केंद्र सरकार के साथ चर्चा करना चाहते है | श्री गोपाल राय ने बताया कि हम यहाँ शांतिपूर्वक सरकार के सामने अपनी मांग रख रहे है जोकि हमारे युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद ज़रूरी है | ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के शहरी क्षेत्र में बेरोज़गारी दर आज 9.1 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 6.9 फीसदी है । ऐसे में राष्ट्रीय रोजगार नीति आज के समय की मांग है और इसके लागू होने से बेरोजगारी की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। देशभर के लोग इस आंदोलन में भाग लें रहे है और बेरोज़गारी की समस्या के निदान के लिए समिति द्वारा जारी आंदोलन में सहयोग भी कर रहे है ताकि केंद्र में बैठी सरकार जो बेरोज़गारी के मुद्दे की तरफ आँख मूँद चुकी है उसे नींद से जगाया जा सकें | इसलिए राष्ट्रीय रोजगार नीति आधारित कानून बनाने को लेकर आंदोलन समिति की जो मांगे वह जायज है और सरकार को चाहिए कि वह उनकी बात को सुने और उसपे जल्द जल्द से कार्यवाही करे ताकि भारत को बेरोजगारी जैसी समस्या से निदान मिल सकें | *-22 अगस्त को कंस्टीटूशन क्लब में होगी संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की बैठक* श्री गोपाल राय ने बताया कि रोजगार आंदोलन के अगले चरण में कल यानी 22 अगस्त को 11 बजे से दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की बैठक होगी जिसमे आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी | आज जो बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलनकारियों ने जज़्बा दिखाया है , उसे हम किसी भी तरह से दबने नहीं देंगे और यह आंदोलन इसी तरह आगे भी जारी रहेगा