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    *खबर का असर भ्रस्टाचार के आरोपित पटवारी कौशल यादव को किया गया निलंबित*

    बिलासपुर। Cgatoznews.. पटवारी जैसे ज़िम्मेदार पद पर रहते हुए ज़मीन नामान्तरण प्रक्रिया में गड़बड़ी करने, सरकारी जमीनों का फ़र्ज़ी तरीके से नामान्तरण कर देने जैसे गंभीर मामलों के आरोपी पटवारी कौशल यादव को निलंबित कर दिया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व, बिलासपुर) ने गुरुवार 14 तारीख को पटवारी कौशल यादव के निलंबन का लिखित आदेश जारी कर दिया है।

    निलम्बन आदेश में इस बात का साफ़ साफ़ उल्लेख किया गया है कि भूमि नामान्तरण की प्रक्रिया में पटवारी कौशल यादव ने गंभीर अनियमितता (गंभीर गड़बड़ी) की है एवम् छ.ग.सिविल सेवा (आचरण) नियम का भी कौशल यादव ने उल्लंघन किया है इसलिए उसे तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

     

    कोटवार की सरकारी ज़मीन बेच देने का भी आरोपी है पटवारी कौशल यादव, थाने में हुई है लिखित शिकायत

     

    55 वर्षीय ग्राम कोटवार प्रमिला मानिकपुरी सिविल लाईन थाने में पटवारी कौशल यादव के खिलाफ़ आवेदन दे चुकी हैं। प्रमिला का आरोप है कि जब कौशल यादव मंगला का पटवारी था तब उसने (प्रमिला ने) उससे (कौशल यादव से) 11 हज़ार रुपए उधार लिए थे और पगार के साथ थोड़ा थोड़ा कर के लौटा देने की बात कही थी। उधार के इन्ही 11 हज़ार रुपयों की लिखापढ़ी करने के लिए पटवारी कौशल यादव ने प्रमिला मानिकपुरी से कोरे काग़ज़ पर दस्तखत लिए थे। और फिर कुछ दिन बाद अखबार में छपी आम सूचना से प्रमिला को मालूम चला कि उसकी ज़मीन फ़र्ज़ी तरीके से बेच दी गई है।

    *eow/acb में भी परवारी कौशल यादव के खिलाफ 2021 में दर्ज हुआ था मामला*.

    आपको बता दे कि पटवारी कौशल यादव के ऊपर कई मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुके है।आपको बता दे कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटवारी कौशल यादव पर eow/acb में धारा 13(1) बी 13(2)  के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    प्रमिला मानिकपुरी की इस लिखित शिकायत पर अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है।

    जाली दस्तावेज़ बनाने, कलेक्टर की अनुमति के बिना पट्टे की भूमि का नामान्तरण करवाने, स्टाम्प ड्यूटी में घपला करने और शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान पहुँचाने जैसे कई गंभीर आरोप पटवारी कौशल यादव पर लग चुके हैं। ज़मीन संबंधी मामलों के जानकार बताते हैं कि यदि शासन कड़ाई से जाँच करे तो इसके और भी कई कारनामे सामने आ सकते हैं। पीड़ितों को उम्मीद है कि सिर्फ़ निलंबन नहीं, भृष्टाचार में लिप्त पटवारियों को पद से बर्खास्त किया जाएगा और दंडात्मक कानूनी कारवाई कर भृष्टाचार में लिप्त पटवारियों को जेल भी भेजा जाएगा।

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    बिलासपुर। Cgatoznews.. पटवारी जैसे ज़िम्मेदार पद पर रहते हुए ज़मीन नामान्तरण प्रक्रिया में गड़बड़ी करने, सरकारी जमीनों का फ़र्ज़ी तरीके से नामान्तरण कर देने जैसे गंभीर मामलों के आरोपी पटवारी कौशल यादव को निलंबित कर दिया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व, बिलासपुर) ने गुरुवार 14 तारीख को पटवारी कौशल यादव के निलंबन का लिखित आदेश जारी कर दिया है। निलम्बन आदेश में इस बात का साफ़ साफ़ उल्लेख किया गया है कि भूमि नामान्तरण की प्रक्रिया में पटवारी कौशल यादव ने गंभीर अनियमितता (गंभीर गड़बड़ी) की है एवम् छ.ग.सिविल सेवा (आचरण) नियम का भी कौशल यादव ने उल्लंघन किया है इसलिए उसे तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।   कोटवार की सरकारी ज़मीन बेच देने का भी आरोपी है पटवारी कौशल यादव, थाने में हुई है लिखित शिकायत   55 वर्षीय ग्राम कोटवार प्रमिला मानिकपुरी सिविल लाईन थाने में पटवारी कौशल यादव के खिलाफ़ आवेदन दे चुकी हैं। प्रमिला का आरोप है कि जब कौशल यादव मंगला का पटवारी था तब उसने (प्रमिला ने) उससे (कौशल यादव से) 11 हज़ार रुपए उधार लिए थे और पगार के साथ थोड़ा थोड़ा कर के लौटा देने की बात कही थी। उधार के इन्ही 11 हज़ार रुपयों की लिखापढ़ी करने के लिए पटवारी कौशल यादव ने प्रमिला मानिकपुरी से कोरे काग़ज़ पर दस्तखत लिए थे। और फिर कुछ दिन बाद अखबार में छपी आम सूचना से प्रमिला को मालूम चला कि उसकी ज़मीन फ़र्ज़ी तरीके से बेच दी गई है। *eow/acb में भी परवारी कौशल यादव के खिलाफ 2021 में दर्ज हुआ था मामला*. आपको बता दे कि पटवारी कौशल यादव के ऊपर कई मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुके है।आपको बता दे कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटवारी कौशल यादव पर eow/acb में धारा 13(1) बी 13(2)  के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्रमिला मानिकपुरी की इस लिखित शिकायत पर अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है। जाली दस्तावेज़ बनाने, कलेक्टर की अनुमति के बिना पट्टे की भूमि का नामान्तरण करवाने, स्टाम्प ड्यूटी में घपला करने और शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान पहुँचाने जैसे कई गंभीर आरोप पटवारी कौशल यादव पर लग चुके हैं। ज़मीन संबंधी मामलों के जानकार बताते हैं कि यदि शासन कड़ाई से जाँच करे तो इसके और भी कई कारनामे सामने आ सकते हैं। पीड़ितों को उम्मीद है कि सिर्फ़ निलंबन नहीं, भृष्टाचार में लिप्त पटवारियों को पद से बर्खास्त किया जाएगा और दंडात्मक कानूनी कारवाई कर भृष्टाचार में लिप्त पटवारियों को जेल भी भेजा जाएगा।