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    *सर्वधर्म सय्यदुल मेकाविश वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद समीर उर्फ हजरत साहब ने अपनी जान को बताया खतरा बिलासपुर प्रेस क्लब मे की प्रेस वार्ता पढ़े पूरी खबर*

    बिलासपुर / सर्वधर्म सय्यदुल मेकाविश वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद समीर उर्फ हजरत साहब ने अपनी जान को खतरा बताया ह। सोमवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में आकर उन्होंने अपने ही पूर्व कर्मचारी पर साजिश रच कर फंसाने का आरोप लगाया है। तालापारा तैयबा चौक निवासी मोहम्मद समीर ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने अपने सुरक्षा गार्ड के रूप में सैदा निवासी मोहम्मद अकबर को नौकरी पर रखा था। कुछ ही दिन में उसके साथ वे काफी घुल मिल गए और उसे अपने साथ लेकर दिल्ली भोपाल सहित अलग-अलग जगहों में जाने लगे। मोहम्मद अकबर की पत्नी को इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी जिसे मोहम्मद समीर ने पूरा किया। बाद में मोहम्मद अकबर ने धीरे धीरे कर पैसा वापस भी किया, मगर न जाने किसके कहने या उकसावे पर आकर उसने सिविल लाइन थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। जिसके कारण उसे अग्रिम जमानत लेनी पड़ी है। मोहम्मद समीर ने आरोप लगाया कि उसका कर्मचारी मोहम्मद अकबर किसी संगठन राजनीतिक दल या किसी विरोधी गुट के इशारे पर काम कर रहा है और किसी एक बड़ी साजिश षड्यंत्र के तहत उसे फंसाया जा रहा है जिसके कारण उसकी छवि धूमिल हो रही है।सोशल मीडिया में उसके खिलाफ उल जुलूल की बाते लिखी और फैलाई जा रही है। हताश होकर श्री समीर ने पत्रकारों के समक्ष अपनी व्यथा बताई और कहा कि उसके साथ कभी भी कोई भी घटना घट सकती है।उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय पहले उसे जहर भी दिया गया था कहीं ना कहीं वह भी मोहम्मद अकबर के इशारे पर ही हुआ होगा।बदनामी बर्दाश्त से ऊपर हो जाने के बाद समीर ने पत्रकारों से सहायता मांगी है और जानने का प्रयास कर रहे हैं की आखिर मोहम्मद अकबर के पीछे कौन सी शक्ति काम कर रही है, जो उन्हें अपने उद्देश्यों से भटकाते हुए कोर्ट कचहरी तक खींच ले गई है।

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    बिलासपुर / सर्वधर्म सय्यदुल मेकाविश वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद समीर उर्फ हजरत साहब ने अपनी जान को खतरा बताया ह। सोमवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में आकर उन्होंने अपने ही पूर्व कर्मचारी पर साजिश रच कर फंसाने का आरोप लगाया है। तालापारा तैयबा चौक निवासी मोहम्मद समीर ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने अपने सुरक्षा गार्ड के रूप में सैदा निवासी मोहम्मद अकबर को नौकरी पर रखा था। कुछ ही दिन में उसके साथ वे काफी घुल मिल गए और उसे अपने साथ लेकर दिल्ली भोपाल सहित अलग-अलग जगहों में जाने लगे। मोहम्मद अकबर की पत्नी को इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी जिसे मोहम्मद समीर ने पूरा किया। बाद में मोहम्मद अकबर ने धीरे धीरे कर पैसा वापस भी किया, मगर न जाने किसके कहने या उकसावे पर आकर उसने सिविल लाइन थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। जिसके कारण उसे अग्रिम जमानत लेनी पड़ी है। मोहम्मद समीर ने आरोप लगाया कि उसका कर्मचारी मोहम्मद अकबर किसी संगठन राजनीतिक दल या किसी विरोधी गुट के इशारे पर काम कर रहा है और किसी एक बड़ी साजिश षड्यंत्र के तहत उसे फंसाया जा रहा है जिसके कारण उसकी छवि धूमिल हो रही है।सोशल मीडिया में उसके खिलाफ उल जुलूल की बाते लिखी और फैलाई जा रही है। हताश होकर श्री समीर ने पत्रकारों के समक्ष अपनी व्यथा बताई और कहा कि उसके साथ कभी भी कोई भी घटना घट सकती है।उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय पहले उसे जहर भी दिया गया था कहीं ना कहीं वह भी मोहम्मद अकबर के इशारे पर ही हुआ होगा।बदनामी बर्दाश्त से ऊपर हो जाने के बाद समीर ने पत्रकारों से सहायता मांगी है और जानने का प्रयास कर रहे हैं की आखिर मोहम्मद अकबर के पीछे कौन सी शक्ति काम कर रही है, जो उन्हें अपने उद्देश्यों से भटकाते हुए कोर्ट कचहरी तक खींच ले गई है।