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    *पति ने की पत्नी के नार्को टेस्ट की मांग, कहा पत्नी को बहकाकर मुझ पर अनर्गल आरोप लगवाने वाले असामाजिक तत्वों का भी हो नार्को टेस्ट पढ़ें पूरी खबर*

    बिलासपुर। फैमिली कोर्ट में चलने वाले तलाक के मामलों में शायद छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार सुनने में आया है कि किसी पति ने अपनी पत्नी के नार्को टेस्ट की मांग की हो।

    बिलासपुर के व्यापार विहार इलाके के रहने वाले तिवारी परिवार के शारदुल तिवारी(परिवर्तित नाम) की शादी साल _2010 में मनेंद्रगढ़ जिला कोरिया की कमला तिवारी (परिवर्तित नाम)से हुई। तकरीबन दस साल साथ रहने के बाद पत्नी कमला तिवारी(परिवर्तित नाम) साल 2019 में पति से अलग हो गईं और कोर्ट में तलाक का मुकद्दमा दायर कर दिया।

    तलाक का एक सामान्य सा मामला मीडिया की नज़र में इसलिए आ गया क्योंकि बीती 10 मार्च को पति शारदुल तिवारी(परिवर्तित नाम) ने कोर्ट में आवेदन देकर ख़ुद का और अपनी पत्नी का नार्को टेस्ट करवाने की मांग की है एवं उन बाहरी तत्वों की भी सच्चाई सामने आए इसीलिए उनकी भी नार्को टेस्ट की मांग की है। कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए आवेदन में पति ने नार्को टेस्ट करवाने की मांग के पीछे उन कारणों का उल्लेख करते हुए बताया है कि

    1) मेरी पत्नी ने झूठे एव्ंम बनावटी तथ्यों के आधार पर तलाक का केस दायर किया है।

    2) मेरी पत्नी ने कुछ बाहरी तत्वों(जिनका नाम अभी गुप्त रखा गया है) के बहकावे में आकर मेरे ख़िलाफ़ दहेज प्रताड़ना और शराब पीकर मारपीट करने जैसे बेबुनियाद आरोप लगाए हैं जिनकी सत्यता नार्को टेस्ट से सबके सामने आ जाएगी।

    3) मैं अब भी अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहना चाहता हूँ लेकिन वो बाहरी लोग जो पारवारिक मित्र बनकर छलावे और कूटरचित तथ्यों के आधार पर मेरी पत्नी को भड़काकर, उकसाकर और उसकी मानसिक स्थिति का दुरूपयोग करके मुझसे तलाक लेने के लिए दबाव बना रहे हैं।

    4) मैंने जब जब अपनी पत्नी से बात करने और समझाने की कोशिश की तब बाहरी तत्त्व लोग(जिनका नाम अभी गुप्त रखा गया है) के द्वारा मेरा रास्ता रोककर मुझे जान से मारने की धमकी दी गई और धमकाया गया कि अगर तुम अपनी पत्नी को तलाक नहीं दोगे तो तुम्हे कहीं का नहीं छोड़ेंगे।

    5) मेरी पत्नी को बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाने वाला ये व्यक्ति रसूखदार और राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है इसलिए मैं चाहता हूँ कि उसका भी नार्को टेस्ट करवाया जाए।

    पति ने बताया कि उनके आवेदन पर आगामी 30 मार्च को कोर्ट में सुनवाई होनी है। पति कहना है कि ये मुद्दा केवल मेरे परिवार तक ही सीमित नहीं है। आजकल ऐसे कई असामाजिक तत्व सक्रीय हैं जो भोलिभाली महिलाओं को अपने झांसे में फंसाकर उनका इस्तेमाल करके उनका जीवन बर्बाद करते हैं। तिवारी का कहना है कि ऐसे लोगों के कारण हँसता खेलता परिवार बर्बाद हो जाता है। पति शारदुल तिवारी (परिवर्तित नाम) का कहना है कि ऐसे असामाजिक तत्वों का पर्दाफ़ाश करने के लिए ये उनकी एक मुहीम है जिसे वो अंजाम तक पहुँचा कर ही दम लेंगे।

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