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    *अधिकारी के खास है, इसलिए शिकायतों के बाद भी न जांच न कार्रवाई.. गुमराह करने में उस्ताद है मस्तूरी का बंटी*..

    बिलासपुर cgatoznews……सरकारी विभागों में अगर कर्मचारियों या सरकारी अधिकारी की शिकायत होती है तो उसे गंभीरता से लेकर जांच किया जाता है ताकि अधिकारी और कर्मचारी अपना काम इमानदारी से और तय समय पर करें लेकिन बिलासपुर के खाद्य विभाग की कहानी तो कुछ और ही बयां करती है क्योंकि यहां तो शिकायतों के बाद भी जांच के नाम पर खानापूर्ति किया जाता है या तो फिर शिकायतों को फाइलों के बीच दबाकर खत्म कर दिया जाता है बिलासपुर के मस्तूरी क्षेत्र में पदस्थ खाद्य निरीक्षक आशीष दीवान की शिकायतों का सिलसिला तो शुरू होता है लेकिन खत्म होने का नाम नहीं लेता.. दुकानदारों से वसूली से लेकर क्षेत्र की जनता का काम ना करना और जनप्रतिनिधियों के बातों को हवा में उड़ा देना मस्तूरी के खाद्य निरीक्षक की आदत बन चुकी है.. और ऐसा इसलिए है क्योंकि आशीष दीवान प्रभारी खाद्य अधिकारी राजेश शर्मा के प्यारे हैं.. पति-पत्नी दोनों मस्तूरी विधानसभा में पदस्थ हैं.. सीपत में पदस्थ मैडम जी की कहानी तो और भी दिलचस्प है सीपत में पदस्थ खाद्य निरीक्षक प्रीति दुबे ना तो ऑफिस में कभी नजर आती है और ना ही फील्ड में इतना ही नहीं क्षेत्र की आम जनता तो उन्हें पहचानती तक नहीं तो फिर अपनी शिकायतें और फरियाद लेकर कहां जाएंगे.. सीपत क्षेत्र की जनता राशन कार्ड से जुड़ी समस्याओं के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर काटती नजर आती है.. जिले के प्रभारी खाद्य नियंत्रक को मस्तूरी खाद्य निरीक्षक ने ना जाने कौन सी घुट्टी पिला रखी है जिससे अधिकारी को उनमें कोई गलती नजर ही नहीं आती.. हाई प्रोफाइल शिकायतों और खाद्य मंत्री के निर्देशों को भी फाइलों के बीच दबाकर रखना अगर किसी को सीखना है तो जिले के प्रभारी खाद्य नियंत्रक राजेश शर्मा से सीखे.. बता दें कि प्रभारी खाद्य नियंत्रक के रिटायरमेंट के कुछ ही महीने बचे हुए हैं इसलिए अपनी मनमर्जी से बिलासपुर के खाद्य विभाग को चला रहे हैं.. इतना ही नहीं नियमों को ताक पर रखने वाले प्रभारी खाद्य नियंत्रक ने खाद्य निरीक्षकों के भी हाथ को बांध रखा है.. लंबे समय से पेट्रोल पंप से लेकर खाद्य संस्थानों में जांच तक नहीं की गई है इसके अलावा दिवाली के समय की गई मिठाइयों की गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट भी आज तक नहीं मिली है.. सूत्रों की माने तो गैस एजेंसियों से भी प्रभारी खाद्य नियंत्रक की लंबी सेटिंग है इसलिए शहर के व्यवसायिक संस्थानों में गैस एजेंसियों द्वारा धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडर उतारा जा रहा है.. इधर खाद्य निरीक्षक आशीष दीवान के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगा हुआ है लेकिन किसी भी मामले में आज तक उनके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो पाई है कई मामलों में तो आज तक जांच करने की जिम्मेदारी तक किसी को नहीं दी गई है.. कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा पिछले दिनों खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को आशीष दीवान के खिलाफ क्षेत्र में वसूली के शिकायत दी गई थी जिसके बाद खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने महत्वपूर्ण निर्देश बिलासपुर कलेक्टर को दिया था लेकिन आदेश को आज तक दबाए रखा गया है..

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