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    *ये जुआ नहीं कुआँ है जी हाँ यंहा लगता है जुआं फड़ का मेला, बिजली के लिए दो जनरेटर, दारू मुर्गा कुर्सी टेबल टेंट की होती है व्यवस्था.जिम्मेदार अधिकारी किस डर से नहीं लेते संज्ञान*

                                   रायगढ़ 21 जनवरी 2022।रायगढ़ आम लोग और कुछ पुलिसकर्मी भी ये बात कहते अक्सर सुने जाते हैं कि “पुलिस चाहे तो शहर से चप्पल तक चोरी नहीं हो सकती” अगर ये बात सच है तो इसका मतलब ये हुआ कि इलाके में जो भी अवैध गतिविधियाँ संचालित हैं वो सभी पुलिस के सरक्षण में ही चलती हैं।

    ताज़ा घटना छत्तीसगढ़ के रायगढ़ ज़िले के छाल थानाक्षेत्र की यहां। करतला के आउटर क्षेत्र में जुआं खेलने वालों का ऐसा मजमा लगता है मानो जैसे किसी मेले की भीड़ हो।

    सूत्रों की मानें तो करतला के इस जुआ फड़ का संचालन कोरबा के अशरफ मेमन व अनीश मेमन के द्वारा किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो फड़ संचालक पुलिस के संबंध में पूछने पर कहते नज़र आते हैं कि “पुलिस से डरने की कोई ज़रूरत नहीं हैं सब अपने हाथ में हैं। कोई रेड नही होगी आराम से खेलो कोई पुलिस नही आएगी।” आपको बता दें कि इस बड़े जुआ फड में कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चापा, बिलासपुर जिलों के बड़े रसूखदार जुआरियो का मजमा लगा रहता है।

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व राज्य के डीजीपी अशोक जुनेजा ने आदेश दिया था कि छत्तीसगढ़ में जुआ, सट्टा, अवैध नशे का कारोबार पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा लेकिन रायगढ़ के करतला थाने में उनके आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

    सूत्र बताते हैं कि करतला थाने के अंतर्गत बैठने वाले इस जुएं में प्रतिदिन अनुमानित 2 से 3 करोड़ का दांव लगता है और फड़दरों द्वारा मोटी मलाई रायगढ़ के एक बड़े पुलिस अधिकारी को पहुंचाई जाती है। रायगढ़ का ये जुआं पुलिस से छुपकर नहीं, खुलेआम बाकायदा टेन्ट लगाकर खिलवाया जाता है। इस टेंट में खेलने वालों के लिए दारू – मुर्गे की भी व्यवस्था रहती है। बिजली की व्यवस्था के लिए दो जनरेटर लगे होते हैं। जो ज़मीन पर नहीं बैठ सकता इसके लिए टेबल कुर्सी की व्यवस्था रहती है।

    ये बात मान लेना थोड़ा मुश्किल है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस जुएं की जानकारी रायगढ़ एसपी समेत अन्य अधिकारियों को न हो! अगर कानून के लंबे हांथ इन जुआंडियों की गरदन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो हो सकता है रायगढ़ में इन हाथों पर गुलाबी पत्तियों का ठीकठाक वज़न रख दिया गया हो।

    अब देखना है रायगढ़ पुलिस कबतक अपने कर्तव्य के ऊपर मलाई को ही तवज्जो देती रहेगी।

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