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    *गाय की सेवा से लोक और परलोक दोनों सवर जाते है पंडित अमर कृष्ण शास्त्री*

    श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में तीन दिवसीय गौ माता की कथा का आयोजन किया गया कथा की शुरुआत भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुखदास राधा कृष्ण के फोटो पर माला अर्पण कर दीप प्रज्वलित करके की गई

    कथावाचक पंडित अमर कृष्ण शास्त्री जी के द्वारा व्यासपीठ से अपनी अमृतवाणी में गौ माता की कथा आरंभ की 3 दिनों तक भक्ति में वातावरण में गौ माता के अलग-अलग रूप उसके शरीर के अंग में कोन कोन भगवान विराजमान है गाय के गोबर से गोमूत्र से दूध से क्या-क्या फायदे होते हैं इसके बारे में कथा के माध्यम से बताया गया
    हिंदू धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया गया है क्योंकि बच्चा जब जन्म लेता है तो कभी कभार मां का दूध नहीं पीता है या कुछ समय बाद दूध छोड़ देता है तब घरवाले गाय का दूध बच्चे को पिलाते हैं इसलिए गाय को भी मां का दर्जा दिया गया है गाय के दूध से दही मक्खन घी से कई सारे अन्य खाने के व्यंजन बनाए जाते हैं गाय के गोबर से कंडा बनता है और वह कंडो से भोजन भी बनाते हैं उसके धुए से मच्छर भी मर जाते हैं गाय का गोमूत्र कई बीमारियों को खत्म करता है जानवरों में गाय एक ऐसी जानवर है जो जीते जी भी इंसान के सुख दुख में काम आती है मरने के बाद भी उसका शरीर इंसान के काम आता है
    गाय सीधी साधी सरल भाषा को जल्दी समझ जाती है पुराणों में गाय का महत्व गंगा यमुना जमुना नदियों के समान दिया गया है जितने भी भगवान के और अवतार हुए हैं उन सब और अवतारों में गाय का महत्व कहीं ना कहीं जरूर है और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने तो खुद गाय चराते थे गाय के बहुत प्यार करते थे गाय का दूध माखन चोरी करके खाते थे त्रेता युग में भगवान रामचंद्र जी भी विवाह से पूर्व हजारों गाय का दान किया था कहा जाता है जीते जी आप गंगा में डुबकी लगाएं या न लगाए लेकिन गाय की सेवा जरूर करें पौराणिक कथाओं के अनुसार एक असुर को ऐसा वरदान प्राप्त हो गया था कि उसे कोई नहीं मार सकता था ना इंसान और ना जानवर अस्त्र शास्त्र पशु पक्षी ना देवता इसलिए
    वह असुर अपने आप को बड़ा बलशाली ओर पूरे ब्रह्मांड का राजा समझने लगा और कई नेताओं से युद्ध लड़कर जीत गया और सभी देवताओं को पकड़कर मारने का आदेश दिया उसके डर से सभी देवी देवता यहां तक कि ब्रह्मा विष्णु महेश भी कुछ नहीं कर पाए वरदान के खातिर इधर से उधर भागते रहे फिर कहीं छुपने की जगह ना मिली अंत में देखा एक जगह गौमाता खड़ी थी सभी देवी देवता गाय के अंदर समा गए और वह असुर खोजते खोजते वहां पहुंचा और समझ गया कि सभी देवी देवता इस गाय के अंदर समाए हैं उस गाय को खत्म कर दूंगा तो सभी मर जाएंगे गौ माता ने असुर का अपने सिंघो से वध करके पाप का नाश भी किया वह सभी देवी देवताओं का जीवन भी बचाया गाय कई प्रकार की अलग-अलग नस्ल की होती है
    पुराणों में कामधेनु गाय का भी उल्लेख किया गया है कलयुग में भी जब भगवान झूलेलाल ने जन्म लिया तो उन्होंने भी गाय की रक्षा की गुरुकुल के उनके शिक्षा गुरु सुमित्रा नंदन ब्राह्मण जी की एक गाय थी जिसे बहुत प्यार करते थे नाम था कपिला 1 दिन कपिला मर गई वह चाहते थे कि उसका अंतिम संस्कार करू पर चार चंदाल उनके घर पहुंचकर जबरदस्ती कपिला को ले गए ताकि उसके चमड़े को काटकर जूते चप्पल बनाकर दो पैसे कमा सकें सुमित्रा नंदन ब्राह्मण बहुत रोया हाथ जोड़ा लेकिन चडाल नहीं माने आखिर में सुमित्रा नंदन भगवान झूलेलाल जी के पास पहुंचा और सारी बातें बताई भगवान झूलेलाल जी ने कपिला को आवाज दी कपिला कपिला जैसे ही चडाल कपिला को काटने वाले थे कपिला उठ खड़ी हुई और दौड़ती हुई भगवान झूलेलाल के पास पहुंची सुमित्रा नंदन यह देख कर बड़ा प्रसन्न हुआ भगवान झूलेलाल जी के आशीर्वाद लेकर अपनी कपिला को घर लेकर गया पर वह चडाल चारों वही मर गए उसकी पत्नियां को जब यह बात पता चली तो वे सभी भगवान झूलेलाल जी के पास पहुंची और कहा भगवान इसमें हमारे पतियों का कोई दोष नहीं है क्योंकि हमारा काम ही यही है गाय चमड़ा काटना और चप्पल जूते बनाकर बेचना हमारे पतियों को माफ कर दीजिए हम पर दया कीजिए भगवान झूलेलाल ने कहा ठीक है जाओ अपने अपने पतियों को उठाओ और विधि पूर्वक सिंधु नदी में स्नान कराओ पत्नियों ने वैसे किया जैसे ही उन्होंने स्नान कराया सिंधु नदी में चारों चांडाल जीवित हो गए
    गौ माता का इतना महत्व है पर जैसे जैसे कलयुग का प्रभाव बढ़ रहा है पाप बढ़ रहा है तो कुछ लोग अपने स्वार्थ के खातिर गौमाता को कत्लखाने भेज देते हैं कसाई को देते हैं और कुछ पापी लोग गौ माता का गोश्त भी खाते हैं इसी कारण पाप बढ़ता जा रहा है पुण कम होते जा रहा है और आए दिन नई नई बीमारियां सामने आ रही हैं हम लोग भी अपने आसपास देखते हैं गायों को मारते हैं भगा देते हैं जो कि उचित नहीं है जब भी आप लोग खाना बनाए तो पहली रोटी गाय की निकाले दूसरी रोटी कुत्ते को तीसरी रोटी जल में मछलियों को दें जिससे आपके ग्रह नक्षत्र ठीक हो जाएंगे धन दौलत में बरकत होगी घर में सुख शांति होगी हिंदू धर्म सबसे बड़ा सनातन धर्म है और आज कुछ लोग चंद रुपयों के लिए अपना धर्म बदल रहे हैं जो कि गलत है अपने धर्म को बदलकर अन्य धर्म में जाने से मोक्ष कभी नहीं मिलेगा ना ही उसका परिवार सुख और शांति से जी पाएगा आप बड़े भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म हिंदू परिवार में हुआ है हिंदू होना ही सबसे बड़ी गर्व की बात है अपना धर्म अपनी संस्कृति अपनी बोली भाषा को बढ़ाना उसे बचाए रखना जरूरी है जब-जब धर्म कमजोर हुआ है अत्याचार लोभ लालच बड़ा है और धर्म कमजोर तब होता है जब हम लोग सत्य के मार्ग को छोड़कर असत्य के मार्ग पर चलना शुरू करते हैं
    पुण्य करना छोड़ कर पाप करना चालू करते हैं अपने स्वार्थ के लिए मुक जीव जंतु जानवरों को मारना व खाना सबसे बड़ा पाप है भगवान ने हमें स्वास्तिक बनाया है हमारे भोजन हरी सब्जियां फल फ्रूट है ना कि मांस मटन वह जो विटामिन फल फ्रूट व सब्जियों में है वह मांस मटन में नहीं मिलेगा बल्कि उसमें बीमारियां मिलेगी
    जितना हो सके सत्य के मार्ग पर चलो धर्म की रक्षा करो संत महात्मा जो सत्संग में बताते हैं उन पर अमल करो गौ माता की सेवा करो वह हो सके तो जीवन में एक बार गो दान जरूर करो
    कथा के बीच बीच में भक्ति भरे भजनों से भक्तों को मन मूंद लिया कई ऐसे भजंन भी गाए गए जिसे सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो गए
    व कई भक्ति भरे भजनों पर भक्त जन झुमने लगे
    इस तीन दिवसीय गो कथा में कई संत महात्मा साधु जन पहुंचे कथा सुनकर अपना जीवन को धन्य किया इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता माननीय श्री धर्मलाल कौशिक जी भी विशेष रूप से मंदिर पहुंचे व कथा का रसपान किया
    कथा के आखिर में आरती की गई अरदास की गई विश्व कल्याण के प्रार्थना की गई वह प्रसाद वितरण किया गया
    इस अवसर पर पंडित अमर कृष्ण शास्त्री जी नए संतलाल साई जी को श्रीमद् भागवत कथा भेंट की साई जी के द्वारा पंडित जी का स्वागत और सम्मान किया गया
    इस कथा को सुनने के लिए
    बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर रायपुर दुर्ग भिलाई राजन गांव गोंदिया कोरबा रायगढ़ चकरभाटा भाटापारा मुंगेली पहुंचे
    व कथा का रसपान किया
    इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति चकरभाटा बिलासपुर भाटापारा रायपुर झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा…….

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काम आती है मरने के बाद भी उसका शरीर इंसान के काम आता है गाय सीधी साधी सरल भाषा को जल्दी समझ जाती है पुराणों में गाय का महत्व गंगा यमुना जमुना नदियों के समान दिया गया है जितने भी भगवान के और अवतार हुए हैं उन सब और अवतारों में गाय का महत्व कहीं ना कहीं जरूर है और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने तो खुद गाय चराते थे गाय के बहुत प्यार करते थे गाय का दूध माखन चोरी करके खाते थे त्रेता युग में भगवान रामचंद्र जी भी विवाह से पूर्व हजारों गाय का दान किया था कहा जाता है जीते जी आप गंगा में डुबकी लगाएं या न लगाए लेकिन गाय की सेवा जरूर करें पौराणिक कथाओं के अनुसार एक असुर को ऐसा वरदान प्राप्त हो गया था कि उसे कोई नहीं मार सकता था ना इंसान और ना जानवर अस्त्र शास्त्र पशु पक्षी ना देवता इसलिए वह असुर अपने आप को बड़ा बलशाली ओर पूरे ब्रह्मांड का राजा समझने लगा और कई नेताओं से युद्ध लड़कर जीत गया और सभी देवताओं को पकड़कर मारने का आदेश दिया उसके डर से सभी देवी देवता यहां तक कि ब्रह्मा विष्णु महेश भी कुछ नहीं कर पाए वरदान के खातिर इधर से उधर भागते रहे फिर कहीं छुपने की जगह ना मिली अंत में देखा एक जगह गौमाता खड़ी थी सभी देवी देवता गाय के अंदर समा गए और वह असुर खोजते खोजते वहां पहुंचा और समझ गया कि सभी देवी देवता इस गाय के अंदर समाए हैं उस गाय को खत्म कर दूंगा तो सभी मर जाएंगे गौ माता ने असुर का अपने सिंघो से वध करके पाप का नाश भी किया वह सभी देवी देवताओं का जीवन भी बचाया गाय कई प्रकार की अलग-अलग नस्ल की होती है पुराणों में कामधेनु गाय का भी उल्लेख किया गया है कलयुग में भी जब भगवान झूलेलाल ने जन्म लिया तो उन्होंने भी गाय की रक्षा की गुरुकुल के उनके शिक्षा गुरु सुमित्रा नंदन ब्राह्मण जी की एक गाय थी जिसे बहुत प्यार करते थे नाम था कपिला 1 दिन कपिला मर गई वह चाहते थे कि उसका अंतिम संस्कार करू पर चार चंदाल उनके घर पहुंचकर जबरदस्ती कपिला को ले गए ताकि उसके चमड़े को काटकर जूते चप्पल बनाकर दो पैसे कमा सकें सुमित्रा नंदन ब्राह्मण बहुत रोया हाथ जोड़ा लेकिन चडाल नहीं माने आखिर में सुमित्रा नंदन भगवान झूलेलाल जी के पास पहुंचा और सारी बातें बताई भगवान झूलेलाल जी ने कपिला को आवाज दी कपिला कपिला जैसे ही चडाल कपिला को काटने वाले थे कपिला उठ खड़ी हुई और दौड़ती हुई भगवान झूलेलाल के पास पहुंची सुमित्रा नंदन यह देख कर बड़ा प्रसन्न हुआ भगवान झूलेलाल जी के आशीर्वाद लेकर अपनी कपिला को घर लेकर गया पर वह चडाल चारों वही मर गए उसकी पत्नियां को जब यह बात पता चली तो वे सभी भगवान झूलेलाल जी के पास पहुंची और कहा भगवान इसमें हमारे पतियों का कोई दोष नहीं है क्योंकि हमारा काम ही यही है गाय चमड़ा काटना और चप्पल जूते बनाकर बेचना हमारे पतियों को माफ कर दीजिए हम पर दया कीजिए भगवान झूलेलाल ने कहा ठीक है जाओ अपने अपने पतियों को उठाओ और विधि पूर्वक सिंधु नदी में स्नान कराओ पत्नियों ने वैसे किया जैसे ही उन्होंने स्नान कराया सिंधु नदी में चारों चांडाल जीवित हो गए गौ माता का इतना महत्व है पर जैसे जैसे कलयुग का प्रभाव बढ़ रहा है पाप बढ़ रहा है तो कुछ लोग अपने स्वार्थ के खातिर गौमाता को कत्लखाने भेज देते हैं कसाई को देते हैं और कुछ पापी लोग गौ माता का गोश्त भी खाते हैं इसी कारण पाप बढ़ता जा रहा है पुण कम होते जा रहा है और आए दिन नई नई बीमारियां सामने आ रही हैं हम लोग भी अपने आसपास देखते हैं गायों को मारते हैं भगा देते हैं जो कि उचित नहीं है जब भी आप लोग खाना बनाए तो पहली रोटी गाय की निकाले दूसरी रोटी कुत्ते को तीसरी रोटी जल में मछलियों को दें जिससे आपके ग्रह नक्षत्र ठीक हो जाएंगे धन दौलत में बरकत होगी घर में सुख शांति होगी हिंदू धर्म सबसे बड़ा सनातन धर्म है और आज कुछ लोग चंद रुपयों के लिए अपना धर्म बदल रहे हैं जो कि गलत है अपने धर्म को बदलकर अन्य धर्म में जाने से मोक्ष कभी नहीं मिलेगा ना ही उसका परिवार सुख और शांति से जी पाएगा आप बड़े भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म हिंदू परिवार में हुआ है हिंदू होना ही सबसे बड़ी गर्व की बात है अपना धर्म अपनी संस्कृति अपनी बोली भाषा को बढ़ाना उसे बचाए रखना जरूरी है जब-जब धर्म कमजोर हुआ है अत्याचार लोभ लालच बड़ा है और धर्म कमजोर तब होता है जब हम लोग सत्य के मार्ग को छोड़कर असत्य के मार्ग पर चलना शुरू करते हैं पुण्य करना छोड़ कर पाप करना चालू करते हैं अपने स्वार्थ के लिए मुक जीव जंतु जानवरों को मारना व खाना सबसे बड़ा पाप है भगवान ने हमें स्वास्तिक बनाया है हमारे भोजन हरी सब्जियां फल फ्रूट है ना कि मांस मटन वह जो विटामिन फल फ्रूट व सब्जियों में है वह मांस मटन में नहीं मिलेगा बल्कि उसमें बीमारियां मिलेगी जितना हो सके सत्य के मार्ग पर चलो धर्म की रक्षा करो संत महात्मा जो सत्संग में बताते हैं उन पर अमल करो गौ माता की सेवा करो वह हो सके तो जीवन में एक बार गो दान जरूर करो कथा के बीच बीच में भक्ति भरे भजनों से भक्तों को मन मूंद लिया कई ऐसे भजंन भी गाए गए जिसे सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो गए व कई भक्ति भरे भजनों पर भक्त जन झुमने लगे इस तीन दिवसीय गो कथा में कई संत महात्मा साधु जन पहुंचे कथा सुनकर अपना जीवन को धन्य किया इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता माननीय श्री धर्मलाल कौशिक जी भी विशेष रूप से मंदिर पहुंचे व कथा का रसपान किया कथा के आखिर में आरती की गई अरदास की गई विश्व कल्याण के प्रार्थना की गई वह प्रसाद वितरण किया गया इस अवसर पर पंडित अमर कृष्ण शास्त्री जी नए संतलाल साई जी को श्रीमद् भागवत कथा भेंट की साई जी के द्वारा पंडित जी का स्वागत और सम्मान किया गया इस कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर रायपुर दुर्ग भिलाई राजन गांव गोंदिया कोरबा रायगढ़ चकरभाटा भाटापारा मुंगेली पहुंचे व कथा का रसपान किया इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति चकरभाटा बिलासपुर भाटापारा रायपुर झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा.......