मामला कुछ इस प्रकार है की बाइक ठीक से ना चलाने के नाम पर चाकूबाजी करने वाले आरोपियों को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.. बिलासपुर शहर जैसे जैसे ही स्मार्ट सिटी का रूप लेता जा रहा है वैसे-वैसे यहां अपराधी गतिविधियों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है खासकर शहर का मिनी बस्ती इलाका इन दिनों चाकूबाजों का गढ़ बन गया है.. छोटी-छोटी बात पर चाकू निकाल लेना और अंधाधुंध तरीके से चला देना यह साबित करता है कि इन्हें कानून का डर बिल्कुल भी नहीं है बिलासपुर के जरहाभाटा में स्थित मिनी बस्ती पहले नशे का गढ़ तो था ही साथ ही अब चाकूबाजों कभी अड्डा बन गया है.. पिछले दिनों मिनी बस्ती के ही कुछ लोगों द्वारा तीन लोगों के साथ चाकूबाजी की गई थी जिसमें से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी उसके बाद एक बार फिर मिनी बस्ती के युवकों द्वारा चाकूबाजी का मामला सामने आया है.. दरअसल कुरूद निवासी विकास मिश्रा अमेरी चौक में स्थित एक दुकान से अपनी मोटरसाइकिल में जा रहा था उसी दौरान अमेरी तरफ से आरोपी पवन श्रीवास, सतनारायण डहरिया, आनंद देवांगन आ रहे थे दौरान उन्होंने विकास मिश्रा की गाड़ी रोककर उसे गाड़ी ठीक से ना चलाने की बात पर धमकी देने लगे और उसके साथ हाथापाई शुरू कर दी इस दौरान आरोपियों में से एक युवक द्वारा चाकू निकालकर विकास मिश्रा के पेट में गड़ा दिया गया.. तीनों आरोपी के साथ दो नाबालिग साथी भी शामिल थे चाकूबाजी की घटना को देखकर आसपास के लोगों और दुकानदार द्वारा दो आरोपियों को पकड़ा गया.. जिसके बाद सिविल लाइन थाने को सूचना दी गई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया और अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई पुलिस ने 10 घंटे के भीतर घटना में सम्मिलित सभी आरोपियों को पकड़ा और उन पर आगे की कार्रवाई की जा रही है..
लेकिन शहर में जिस तरह लगातार चाकूबाजी की घटनाएं बढ़ती जा रही है उसे कहीं ना कहीं पुलिसिंग पर भी सवाल उठने लगी है छोटी-छोटी बात पर चाकू चला देने वालों को अब कानून का डर नहीं रह गया है पुलिस द्वारा भी ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई ना होना अपराधों के बढ़ने का एक कारण जरूर है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में ऐसे अपराधिक प्रवृति वाले लोगों के द्वारा उत्पात मचाने पर भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना इनका हौसला बुलंद करता है.. इसका सबसे बड़ा उदाहरण तारबाहर थाने के सामने दो गुटों के बीच हुई तनातनी से लिया जा सकता है.. दर्जनभर से अधिक युवकों की पहचान होने के बावजूद भी पुलिस द्वारा कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई उनमें से अधिकतर युवक तालापारा और मिनी बस्ती के थे जिनके पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो चुके हैं.. जाहिर सी बात है कि थाने के बाहर हथियारबंद युवक जब व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करते हैं और उन पर कोई कड़ी कार्यवाही नहीं होती है तो उनके हौसले ऐसे ही बुलंद होते हैं..