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    *बिलासपुर शिक्षा विभाग अनुकंपा नियुक्ति फर्जी कांड के पीछे की सच्चाई*

    पिछले कुछ दिनों से अनुकंपा नियुक्ति के एक प्रकरण को जबरदस्त तूल दिया जा रहा है एवं भ्रामक जानकारी देकर श्वेता सिंह की अनुकंपा नियुक्ति को फर्जी साबित करने की जी तोड़ कोशिश की जा रही है,जबकि सच्चाई कुछ और ही है

    *श्वेता सिंह के अनुकंपा आवेदन की विस्तृत जानकारी क्रमशः* (1) श्वेता सिंह के ससुर स्व. मनमोहन सिंह पवार (तत्कालीन BEO भैयाथान, सूरजपुर) की मृत्यु 18 दिसंबर 2018 को हुई।।
    (2)श्वेता सिंह अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र7 जनवरी 2019 को आवश्यक शपथ पत्र और सहमती पत्र के साथ सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा की।
    (3) अनुकंपा आवेदन की जांच कर सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा श्वेता सिंह की अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्रता को प्रमाणित किया ।
    (4)श्वेता सिंह के द्वारा 23 जनवरी 2020 को सूरजपुर DEO से अपने अनुकंपा आवेदन को बिलासपुर DEO में प्रेषित करने हेतु आवेदन दिया।
    (5) सूरजपुर DEO द्वारा 20 फरवरी 2020 को श्वेता सिंह के अनुकंपा संबंधी मूल आवेदन पत्र को संचालक,लोक शिक्षण संचालनालय को प्रेषित किया गया।
    (6) उप संचालक,लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा श्वेता सिंह के अनुकंपा मूल आवेदन को 20 अगस्त 2020 में बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया गया तथा आदेशित किया गया कि अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करके कार्यालय को सूचित करें।
    उपरोक्त समस्त विवरण में श्वेता सिंह ने अनुकंपा संबंधी सभी नियमों का पालन किया एवं उच्च कार्यालय के द्वारा उनको अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी निर्देश भी बिलासपुर DEO को दिए गए।।

    *अनोखी जांच कमेटी* जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर द्वारा श्वेता सिंह की नियुक्ति संबंधी जांच का जिम्मा अपने अधीनस्थ प्राचार्यों को दे रखा है, अब सवाल ये उठता है कि किसी भी प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी के नियुक्ति आदेश की जांच करने का अधिकार है क्या? जांच कमेटी हमेशा नियुक्तिकर्ता अधिकारी से उच्च अधिकारियों की बनाई जाती है। पर यहाँ का तो खेल ही निराला है। जब से जांच कमेटी गठित हुई है विभागीय जांच की किसी भी प्रक्रिया का पालन नही किया गया है। श्वेता सिंह को सिर्फ 1 बार मौखिक आदेश देकर जांच के लिए बुलाया गया। श्वेता सिंह को न तो अभी तक शिकायत पत्र दिया गया है और न ही जांच के लिए पर्याप्त समय। कहीं जांच कमेटी श्वेता सिंह को फ़साने के लिए तो ऐसा नही कर रही यह जांच का विषय है।

    *शिकायतकर्ता की हिस्ट्री*
    सूत्रों की माने तो श्वेता सिंह की अनुकंपा नियुक्ति के मामले में शिकायतकर्ता बिलासपुर शहर का पुराना ब्लैक मेलर सरकंडा निवासी रजनीश साहू है। रजनीश साहू सभी विभागों में RTI लगाकर पैसे उगाही का काम करता है,रजनीश साहू पर पहले भी कलेक्टर एवं कमिशनर की फर्जी सील से कोर्ट को गुमराह करने, ड्रीमलैंड स्कूल की संचालिका से 5 लाख Rs. वसूली करने, ज़मीन के 22 बिन्दु में छेड़छाड़ करने जैसे अनेक मामले दर्ज है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रजनीश साहू भ्रामक जानकारी फैला कर सरकारी कर्मचारियों का भयादोहन का कार्य करता है। ऐसे आदतन अपराधी प्रवृति वाले शिकायतकर्ता की झूठी शिकायत के आधार पर सरकारी कर्मचारियों का प्रताड़ित होना आम बात हो गयी है,इस पर लगाम कब लगेगी ये तो समय ही बताएगा।

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    पिछले कुछ दिनों से अनुकंपा नियुक्ति के एक प्रकरण को जबरदस्त तूल दिया जा रहा है एवं भ्रामक जानकारी देकर श्वेता सिंह की अनुकंपा नियुक्ति को फर्जी साबित करने की जी तोड़ कोशिश की जा रही है,जबकि सच्चाई कुछ और ही है *श्वेता सिंह के अनुकंपा आवेदन की विस्तृत जानकारी क्रमशः* (1) श्वेता सिंह के ससुर स्व. मनमोहन सिंह पवार (तत्कालीन BEO भैयाथान, सूरजपुर) की मृत्यु 18 दिसंबर 2018 को हुई।। (2)श्वेता सिंह अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र7 जनवरी 2019 को आवश्यक शपथ पत्र और सहमती पत्र के साथ सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा की। (3) अनुकंपा आवेदन की जांच कर सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा श्वेता सिंह की अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्रता को प्रमाणित किया । (4)श्वेता सिंह के द्वारा 23 जनवरी 2020 को सूरजपुर DEO से अपने अनुकंपा आवेदन को बिलासपुर DEO में प्रेषित करने हेतु आवेदन दिया। (5) सूरजपुर DEO द्वारा 20 फरवरी 2020 को श्वेता सिंह के अनुकंपा संबंधी मूल आवेदन पत्र को संचालक,लोक शिक्षण संचालनालय को प्रेषित किया गया। (6) उप संचालक,लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा श्वेता सिंह के अनुकंपा मूल आवेदन को 20 अगस्त 2020 में बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया गया तथा आदेशित किया गया कि अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करके कार्यालय को सूचित करें। उपरोक्त समस्त विवरण में श्वेता सिंह ने अनुकंपा संबंधी सभी नियमों का पालन किया एवं उच्च कार्यालय के द्वारा उनको अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी निर्देश भी बिलासपुर DEO को दिए गए।। *अनोखी जांच कमेटी* जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर द्वारा श्वेता सिंह की नियुक्ति संबंधी जांच का जिम्मा अपने अधीनस्थ प्राचार्यों को दे रखा है, अब सवाल ये उठता है कि किसी भी प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी के नियुक्ति आदेश की जांच करने का अधिकार है क्या? जांच कमेटी हमेशा नियुक्तिकर्ता अधिकारी से उच्च अधिकारियों की बनाई जाती है। पर यहाँ का तो खेल ही निराला है। जब से जांच कमेटी गठित हुई है विभागीय जांच की किसी भी प्रक्रिया का पालन नही किया गया है। श्वेता सिंह को सिर्फ 1 बार मौखिक आदेश देकर जांच के लिए बुलाया गया। श्वेता सिंह को न तो अभी तक शिकायत पत्र दिया गया है और न ही जांच के लिए पर्याप्त समय। कहीं जांच कमेटी श्वेता सिंह को फ़साने के लिए तो ऐसा नही कर रही यह जांच का विषय है। *शिकायतकर्ता की हिस्ट्री* सूत्रों की माने तो श्वेता सिंह की अनुकंपा नियुक्ति के मामले में शिकायतकर्ता बिलासपुर शहर का पुराना ब्लैक मेलर सरकंडा निवासी रजनीश साहू है। रजनीश साहू सभी विभागों में RTI लगाकर पैसे उगाही का काम करता है,रजनीश साहू पर पहले भी कलेक्टर एवं कमिशनर की फर्जी सील से कोर्ट को गुमराह करने, ड्रीमलैंड स्कूल की संचालिका से 5 लाख Rs. वसूली करने, ज़मीन के 22 बिन्दु में छेड़छाड़ करने जैसे अनेक मामले दर्ज है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रजनीश साहू भ्रामक जानकारी फैला कर सरकारी कर्मचारियों का भयादोहन का कार्य करता है। ऐसे आदतन अपराधी प्रवृति वाले शिकायतकर्ता की झूठी शिकायत के आधार पर सरकारी कर्मचारियों का प्रताड़ित होना आम बात हो गयी है,इस पर लगाम कब लगेगी ये तो समय ही बताएगा।