वन विभाग सामाजिक वानिकी और छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड को ऐसे ही मलाईदार विभाग नहीं कहा जाता.. संविदा कर्मचारियों से भी ऑफिस में बैठे बाबू और लेखा अधिकारी जमकर मलाई निकालने की फिराक में रहते हैं.. ऐसा ही एक मामला वन विकास निगम लिमिटेड बिलासपुर के कोटा परियोजना क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है.. जहां जिंदगी भर काम करने के बाद अब एक संविदा कर्मचारी को अपनी नियमितीकरण के लिए पैसे देने की मांग की जा रही है.. नियमितीकरण के लिए पैसे मांगने वाले छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के सहायक लेखा प्रबंधक अपनी ऊंची पहुंच और लंबी सेटिंग का हवाला देते हैं.. सहायक लेखक प्रबंधक टी श्री हरि कोटा परियोजना क्षेत्र में पदस्थ है और 1993 से नौकरी करने वाले रामनारायण साहू को विभाग में नियमित करने के लिए 80 हजार रुपये की मांग कर रहा है.. इससे पूर्व में भी जब संविदा कर्मियों को नियमित करने का लिस्ट गया था तब भी नारायण साहू के नाम को काट दिया गया है.. और अभी भी उन्हें काम से 6 महीने पूर्व से बैठा दिया गया है.. साफ है कि.. ऐसे ही चौकीदार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को डरा डराकर सहायक लेखा प्रबंधक द्वारा पैसे की मांग की जाती है.. इससे पहले सरगुजा के अम्बिकापुर में पदस्थ रहते हुए इसी सहायक लेखा प्रबंधक पर कई गंभीर आरोप भी लग चुके हैं फर्जी बिल भुकतान से राज्य सरकार को चुना लगाने से लेकर महिला संविदाकर्मी को प्रताड़ित करने का गम्भीर आरोप शामिल है.. बता दें कि.. वन विकास निगम लिमिटेड बिलासपुर के रेंजर से लेकर कर्मचारियों तक कि शिकायतों का पहाड़ पड़ा हुआ है.. भैसाझार परिक्षेत्र से लेकर कोटा बेलगहना तेंदुआ बिट तक जमकर लूट मची हुई है.. कर्मचारियों से वसूली से लेकर जंगलों में होने वाली अवैध कटाई तक रेंजर से लेकर सहायक लेखा प्रबंधक तक हर पल पैसे छापने की जुगत में लगे रहते है..
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