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    *संस्था सिपाही को मिली छत्तीसगढ़ में विजय मशाल के स्वागत की जिम्मेदारी*

    सन 1971 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था, जिसमें भारत के सैनिकों ने पाकिस्तान को धूल चटाया था। पाकिस्तानी जनरल मो. नियाजी और 92 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्म समर्पण कर भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिये थे। भारतीय सेना के साथ पूरा देश इस युद्ध में भारत की पूर्ण विजय की स्वर्णिम 50 वीं वर्षगाठ मना रहा है। इसी मौके पर स्वर्णिम विजय मशाल 12 से 19 अक्टूबर तक अमर जवान की ज्वाला और भारतीय सैनिको के शौर्य को लेकर छत्तीसगढ़ में आयेगी। जो प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में जाएगी, इसकी जिम्मेदारी रिटायर्ड सैनिकों की संस्था सिपाही को दी गई है। संस्था से जुड़े सदस्यों ने आज प्रेस वार्ता कर पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने छत्तीसगढ़वासियों से ओजपूर्ण विजय मशाल का स्वागत पुष्प बिछाकर व दीप जलाकर सिपाहियों और शहीदों का सम्मान करने की अपील की।…

     

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