वारदात
-गरुवार सवेरे 11:00 बजे एक लड़का भवानी ऑटो में दाखिल हुआ। उस लड़के ने कहा कि मैं अपोलो हॉस्पिटल से आया हूंँ। पुरानी बैटरीया बेचनी है। दुकानदार जिनका नाम अनिल
बच्चानी है, उन्होंने कहा कि आप बैटरीया यहां ले आइए। लेकिन उस शख्स ने कहा की अपोलो के कुछ रूल है आप वहां चलिए। वहां सील साइन लगती है फिर आप बैटरिया वहां से ले आइएगा। अनिल बच्चानी ने
अपने दुकान में काम करने वाले हेल्पर को वहां भेजा। उसका नाम पप्पू ध्रुव है। पप्पू ध्रुव को एक अपोलो हॉस्पिटल की ऑफिस में बिठाया और वह शख्स एक कागज ले आया और पप्पू को हाथ में दे दिया।
और उससे पैसा लेकर साइन करवा कर खुद अंदर चला गया। पैसों का अमाउंट ₹57500 था।
10 मिनट हो चुके थे वह शख्स बाहर नहीं आया तो पप्पू ध्रुव अंदर जाकर देखने लगा और वहां स्टाफ को पूरी कहानी बताइए तो उन्होंने कहा हमने नहीं भेजा है। सीसीटीवी कैमरा देखने पर वह शख्स अंदर जाते हुए। दिखा पर वापस कहां गया उसका कुछ अभी तक पता नहीं चला। पुलिस पर रिपोर्ट लिखवाने गए तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि यह फ्रॉड का केस है यह हम नहीं लिखेंगे।— करीब 4 ,5 चक्कर लगाने के बावजूद भी अभी करीब 7:30 बजे अभी तक पुलिस वालों ने शिकायत दर्ज नहीं की है।
आप सब लोग बताइए अगर पुलिस तुरंत कार्रवाई करें तो क्या वह शख्स पकडा़ नहीं जा सकता।
क्या हम सब यह सोच कर बैठ जाए कि कुछ होगा तो नहीं जो हो गया सो गया। ऐसे में वे और कहीं भी ऐसी वारदातें धोखा देते रहेंगे।
ऐसे लोगों का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है।
वैसे ही ऑनलाइन के कारण व्यापारियों के व्यापार पर बहुत असर हुआ है। हमें बहुत ही सतर्क रहना होगा। पुलिस अधिकारियो से विनती है कि ठगी पर तुरंत कार्रवाई करें।
कलम में बड़ी ताकत है।