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    *थाईलैंड इन्वेस्टमेंट बोर्ड एवं छतीसगढ़ चेम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संयुक्त तत्वधान में इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, फेब्रिकेशन, जाली , काँटा तार, मसाले, तथा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए थाईलैंड के साथ आभासी माध्यम से क्रेता-विक्रेता वेबिनार आयोजित किया गया*

    छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, , कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल,उद्योग चेम्बर के प्रदेश अध्यक्ष अश्विन गर्ग,उद्योग चेम्बर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजय चौबे ने बताया कि थाईलैंड इन्वेस्टमेंट बोर्ड एवं छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, फेब्रिकेशन, जाली , काँटा तार तथा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चेम्बर ने विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से क्रेता-विक्रेता (बॉयर एंड सेलर) बैठक का आयोजन, इस बैठक के जरिए भारत और थाईलैंड की सरकार और व्यापार से संबंधित लोगों को एक मंच पर आने का मौका मिला। इसके जरिए भारत और थाइलैंड को इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, फेब्रिकेशन, जाली , काँटा तार , मसाला तथा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों कृषि क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ाने का भी मौका मिलेगा।

    चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि थाईलैंड के साथ हुई आभासी- क्रेता-विक्रेता बैठक में प्रदेश के व्यापार संगठनों द्वारा एक प्रस्तुति दी गई। जिसमें यह बताया गया कि भारत किन उत्पादों को थाईलैंड को निर्यात कर सकता है। इसके तहत के इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, फेब्रिकेशन, जाली , काँटा तार तथा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों उत्पादों के निर्यात के बेहतर अवसर हैं। इस दौरान थाईलैंड के व्यापार संगठन और आयातकों ने भी भारत से आयात होने वाले उत्पादों के संबंध में अपनी जरूरत और गुणवत्ता मानकों के बारे में जानकारी दी।

    कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस समय निर्यात संवर्धन कार्यक्रमों को आभासी माध्यम से ही आयोजित करना संभव है। ऐसे में एपीडा ने इस दिशा में पहल करते हुए आभासी माध्यम से क्रेता-विक्रेता बैठक को भारत और थाईलैंड के निर्यातकों के लिए किया।

    श्री पारवानी ने बताया कि कोविड महामारी के बाद से, भारत के कारोबारी, खाड़ी देश, दक्षिण एशिया और पश्चिमी देशों में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात के अवसर की बेहतर संभावना देख रहे हैं। इसी कड़ी में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष पारवानी ने बताया कि मंत्रालय के आंकड़ों अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 30,000 करोड़ रुपये के 17 लाख एमटी से ज्यादा

    भारतीय मसालों का निर्यात हुआ था। महामारी के बावजूद यह डॉलर में 4 अरब डॉलर के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया।

    भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मसाला व्यापार के बीच की कड़ी स्पाइसेज बोर्ड कई वर्षों से विशेषकर महामारी के दौरान भारत में मसाला कारोबार से जुड़े लोगों के लाभ के लिए भारतीय-अंतर्राष्ट्रीय मसाला व्यापार के संवर्धन और मजबूती के लिए सक्रिय भूमिका निभाने में अग्रणी रहा है।

    श्री परवानी ने बताया कि भारत और थाईलैंड के बीच भारत के आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध का इतिहास काफी पुराना है और ये सदियों पुराने सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों की गहराई में निहित हैं। भारतीय मसालों के लिए थाईलैंड एक महत्वपूर्ण स्थान है और यह अवसर उपलब्ध कराता है, साथ ही विस्तार के लिए पर्याप्त विकल्पों की पेशकश करता है। भारत हर साल थाईलैंड को 944.35 करोड़ रुपये के औसतन 68225 एमटी मसालों का निर्यात करता है, जिसकी भारत के कुल निर्यात में वॉल्यूम के लिहाज से 6 प्रतिशत और मूल्य के लिहाज से 5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारत से थाईलैंड को मुख्य रूप से मिर्च, हल्दी, लहसुन और मूल्य वर्धित उत्पादों, मसाला तेलों व ओलेओरेसिन, करी पाउडर आदि का निर्यात किया जाता है।

    अनुमानित वृद्धि की संभावना, स्थापित बाजार पहुंच को देखते हुए, छतीसगढ़ के उत्पादकों द्वारा चिकन करी, फिश करी, मीट मसाला और रेडी टू कुक उत्पादों आदि विशेष मिश्रित मसालों के लिए थाईलैंड में निर्यात बढ़ाने के पर्याप्त अवसर हैं।

    श्री पारवानी ने आगे बताया की फूड और मीट प्रोसेसिंग सेक्टरों से लगातार बढ़ती औद्योगिक मांग को देखते हुए, भारत सरकार के स्पाइस बोर्ड ने भारतीय मसालों की मांग में बढ़ोतरी के लिए प्रमुख देश के रूप में थाईलैंड की पहचान की है।

    वेबिनार का आयोजन उद्योग चेम्बर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजय चौबे के द्वारा किया किया।
    वेबिनार में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री अजय भसीन, उद्योग चेम्बर अध्यक्ष अश्विन गर्ग, कार्यकारी अध्यक्ष संजयचौबे , दिनेश पंजवानी (तिल्दा), मनीष उदासी (रायगढ़) एवं उद्योग चेम्बर के अन्य पदाधिकारी शामिल …

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