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    *सरकंडा स्थित ड्रीम्स इम्पीरिया में बच्चों एवं यहां रहने वालों को गाजर घास से होने वाली बीमारी उससे होने वाली समस्याओ को लेकर किया गया जागरूक*

    बिलासपुर…कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. एसपी सिंह के मार्गदर्शन पर कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. शिल्पा कौशिक मोदी ने बच्चों एवं अपार्टमेंट में रहने वालों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी,डॉ.शिल्पा ने कहा गाजर घास पहले हमारे भारत मे नही था,जब 1956 में खाद्यान्न की कमी हुई तो की वहां से अनाज का आयात कराया गया,जिसमे कुछ खरपतवार के बीज अनाज के साथ आ गए, तब से लेकर आज तक गाजर घास का फैलाव बढ़ता जा रहा है,इसके एक पौधे से 15 सौ के 25 हजार तक बीज बनते है,जो की हमारे लिए खतरे का कारण बन रहे है,जो कि गाजर घास से स्किन की एलर्जी,अस्थमा जैसी बीमारी होती है,यह जागरुकता सफ्ताह अगस्त में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि खरपतवार इसके बाद पुष्प अवस्था मे आ जाता है,चूंकि इसमे बहुत बीज बनते है,इसको पुष्प अवस्था में आने से पहले रोकना जरूरी है,इसे जैविक विधि में मैक्सिकन बीटल द्वारा कंट्रोल किया जाता है,इधर डॉ शिल्पा ने यह भी बताया कि हर किसी को इसके लिए जागरूक होना जरूरी है,ताकि इस गाजर घास से मुक्ति मिल सके,इस अवसर पर संजय मोदी,शिल्पा कौशिक मोदी,अजय कुमार सिन्हा, कमल हुरा, श्री मिश्रा,अनमोल,अथर्व,कीर्ति,मिली,अक्षित,सुब्बू,रिद्धि,अविनाश, रजनी,अक्षिता, कुश ,वेदांत समेत अपार्टमेंट के लोग शामिल रहे।

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